सुकमा। गृहमंत्री विजय शर्मा ने आज सुकमा के चिंगावरम पहुंचकर 15 साल पहले नक्सल हमले में शहीद हुए 32 लोगों को विनम्र श्रद्धांजली दी. साल 2010 में आज ही की तारीख (17 मई) को नक्सलियों द्वारा किए गए IED ब्लास्ट में 32 लोगों की जान चली गई थी. आज इस घटना को पूरे 15 साल पूरे हो गए. अपने एक दिवसीय दौरे पर चिंगावरम पहुंचे गृहमंत्री शर्मा ने यहां उन सभी शहीदों को नमन करते हुए नक्सलियों द्वारा शांति वार्ता के प्रस्ताव पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नक्सली डायरेक्ट सरकार से वार्ता करेंगे, तो हम भी बात करने को तैयार हैं. यानि अगर माओवादी संगठन सरकार से सीधे बात करने को तैयार होंगे, तो सरकार भी नक्सलियों से शांति वार्ता पर चर्चा करने को तैयार है।
केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा प्रदेश में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए समय सीमा और लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके तहत राज्यो में सुरक्षा बल के जवान लगातार सर्चिंग ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों समेत उनके हथियार, दैनिक जीवन उपयोगी सामग्री के सोर्सेज का भी खात्मा कर रहे हैं. इससे नक्सल संगठनों पर दबाव काफी अधिक बढ़ गया है. वहीं जवानों की कार्रवाई से घबराए कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी कर दिया है. हाल के दिनों में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया गया. यहां स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर पहले नक्सलियों का कब्जा हुआ करता था, लेकिन जवानों ने इस पर भी फतेह हासिल कर तिरंगा लहरा दिया।
इसी बीच बढ़ते दबाव को देखते हुए नक्सल संगठन ने पत्र जारी कर सरकार को शांति वार्ता का प्रस्ताव भेजा था और कार्रवाई रोकने की मांग की थी. हालांकि सरकार ने इससे इनकार करते हुए उन्हें केवल 2 विकल्प दिए थे. पहला- आत्म समर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने का. और दूसरा- जवानों की कार्रवाई का सामना करने का. नक्सलवाद के खिलाफ लगातार मिल रही सफलता के बाद अब गृहमंत्री शर्मा ने शांति वार्ता के लिए कहा कि सीधी बात करने की स्थिति में सरकार भी नक्सलियों से शांति वार्ता करने को तैयार हैं।