दुर्ग। जिले के 45 गांवों की ग्राम सभाओं ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब गांवों में शादी, सगाई, छठी, मृत्यु भोज और अन्य सामूहिक आयोजनों में डिस्पोजल थाली, कटोरी, गिलास और चम्मच का उपयोग पूरी तरह बंद होगा।
इसके बजाय, गांव के बर्तन बैंक से बर्तनों का उपयोग किया जाएगा। ग्राम सभा के इस फैसले से अधिकांश ग्रामीण सहमत हैं। यदि कोई परिस्थिति का हवाला देकर नियम तोड़ने की कोशिश करता है, तो पहले उसे समझाइश दी जाएगी। फिर भी नहीं मानने पर जुर्माना वसूला जाएगा।
जिला प्रशासन का गांवों को प्लास्टिक मुक्त बनाने का अभियान तेजी पकड़ रहा है। जिले के 300 गांवों में से 45 में बर्तन बैंक स्थापित हो चुके हैं। जिला पंचायत के सीईओ बजरंग दुबे के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का ही नतीजा है कि ग्रामीण अब डिस्पोजल सामग्री का उपयोग छोड़ रहे हैं। इस अभियान में महिला स्व-सहायता समूहों की भूमिका अहम है, जो प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में ग्रामीणों को जागरूक कर रही हैं।