हाथोर समाचार ,सूरजपुर। गुमशुदा बच्चों की खोजबीन के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन मुस्कान के तहत सूरजपुर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने 13 वर्षों से लापता एक बालक को बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन के पास ठेले पर फल बेचते हुए बरामद किया है। बालक को पहचानने में उसके पिता की भूमिका अहम रही।

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2017 में थाना ओड़गी क्षेत्र के एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका 15 वर्षीय पुत्र वर्ष 2012 से बिना बताए घर से लापता हो गया है। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने गुम इंसान कायमी के बाद धारा 363 भादंवि के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर के निर्देश पर जिलेभर में गुमशुदा और अपहरण के मामलों को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो और एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी के मार्गदर्शन में ओड़गी पुलिस लगातार बालक की खोजबीन में लगी थी। पुलिस टीम ने बालक के पिता को साथ लेकर वाराणसी, प्रयागराज के अस्पतालों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और आश्रमों में तलाशी की, पर कोई सुराग नहीं मिला।
हाल ही में टीम बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पहुंची, जहां बालक के पिता ने एक फल बेचने वाले युवक को देखकर उसे अपना बेटा बताया। जब पुलिस टीम उसके पास पहुंची, तो युवक ने भी अपने पिता को पहचान लिया। बालक अब 25 वर्ष का हो चुका है और शारीरिक रूप से पूरी तरह बदल गया था। उसे दस्तयाब कर 22 जुलाई को ओड़गी लाया गया और परिजनों को सुपुर्द किया गया।
इस कार्यवाही में थाना प्रभारी ओड़गी फर्दीनंद कुजूर, एएसआई अमरेश सिंह, आरक्षक जितेन्द्र पटेल और अमरेन्द्र दुबे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो ने बताया कि बालक अपनी मर्जी से घर से निकला था और वर्षों तक मांगकर, आश्रम में रहकर और फल बेचकर जीवन यापन करता रहा। पुलिस की संवेदनशीलता और सतत प्रयासों से यह सफलता संभव हो सकी।
परिजनों ने सूरजपुर पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें उनका बेटा वापस लौटा दिया।