हाथोर समाचार, सूरजपुर |बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र का असर उत्तर छत्तीसगढ़ में गहराता जा रहा है। सूरजपुर जिले में बीते 24 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। सबसे ज्यादा असर ओड़गी ब्लॉक में देखा जा रहा है, जहां बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नदियों में उफान और पुल-पुलियों के ऊपर से बहते पानी ने करीब दो दर्जन गांवों को मुख्यधारा से पूरी तरह काट दिया है।

टूट गया गांवों का संपर्क, जनजीवन अस्त-व्यस्त
सूत्रों के अनुसार, ओड़गी ब्लॉक के बिहारपुर, महुली, कोल्हुआ, अंतिकापुर, रामगढ़, उमझर, नवाटोला, सपहा, कुबेरपुर, कांतिपुर, थाड़पाथर, खैरा, बसनारा, कैलाश नगर, छतरंग और बांक जैसे गांवों का जिला एवं ब्लॉक मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट गया है। वहीं रसोकी, बैजनपाठ, लुल्ह, भुंडा, तेलईपाठ और जुड़वनिया गांव चारों ओर से पानी से घिर चुके हैं। नदियों और नालों के उफान ने गांवों को टापू बना दिया है, जिससे ग्रामीण न बाहर जा पा रहे हैं और न कोई सहायता भीतर पहुंच पा रही है।
बाढ़ से मची अफरा-तफरी, प्रशासन अलर्ट पर
लगातार बारिश से खेत-खलिहान डूब चुके हैं और कई घरों में पानी घुस चुका है। ग्रामीणों को बुनियादी ज़रूरतों की चीजें हासिल करने में परेशानी हो रही है। प्रशासन ने हालात को देखते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। कलेक्टर सूरजपुर के निर्देश पर प्रशासनिक टीमें प्रभावित गांवों में पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन तेज बारिश और जलभराव के कारण उन्हें भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग का अलर्ट, अगले 24 घंटे भारी
मौसम विभाग ने सरगुजा संभाग में शनिवार को भी भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना दबाव क्षेत्र अगले 24 घंटों तक सक्रिय रहेगा। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने और जलभराव या नदी-नालों के पास न जाने की सलाह दी गई है।
ग्रामीणों की गुहार, प्रशासन के सामने चुनौती
बाढ़ से घिरे गांवों में लोगों को खाद्य सामग्री और दवाओं की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से वैकल्पिक संपर्क मार्ग और राहत सामग्री की तत्काल व्यवस्था की मांग की है। दूसरी ओर, प्रशासन के लिए यह चुनौती है कि लगातार बारिश के बीच राहत कार्यों को कैसे तेज़ और प्रभावी बनाया जाए।