हाथोर समाचार ,सूरजपुर। शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सूरजपुर में रविवार को आयोजित आबकारी परीक्षा के दौरान उस समय विवाद खड़ा हो गया, जब परीक्षार्थियों के हाथ से कलावा (पवित्र सूत्र) उतरवाए जाने की बात सामने आई। इस घटना को लेकर हिंदू संगठनों ने परीक्षा केंद्राध्यक्ष पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का गंभीर आरोप लगाया है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि परीक्षा में शामिल होने आए कई छात्रों के हाथ में बंधे कलावे को जबरन उतरवाया गया, जिससे हिंदू समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया। मामला सामने आने के बाद बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग स्कूल के बाहर जुट गए और जमकर नारेबाजी की।
भाजपा नेताओं सहित संगठन हुए मुखर
हिंदू संगठनों का कहना है कि कलावा आस्था और धार्मिक पहचान का प्रतीक है। इसे जबरन उतरवाना न केवल धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना है, बल्कि यह संविधान प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का भी उल्लंघन है। भाजपा के स्थानीय नेताओं सहित अन्य संगठनों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन ने की शांति की अपील, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्कूल परिसर और आसपास के क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। जिसके बाद स्थिति को किसी तरह संभाला गया ।
सोशल मीडिया पर भी उठा मामला
घटना के बाद यह मुद्दा सोशल मीडिया पर भी जोर पकड़ रहा है। कई यूज़र्स ने केंद्राध्यक्ष की कार्रवाई को अनुचित बताते हुए निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासनिक चुप्पी पर सवाल
घटना को लेकर स्थानीय प्रशासन और विद्यालय प्रबंधन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, जिससे लोगों में और अधिक असंतोष देखने को मिल रहा है।