बिट्टू सिंह राजपूत, सूरजपुर। देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना चुका है, लेकिन छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में कई गांव ऐसे हैं जहां विकास की बुनियादी सुविधाएं अब भी दूर की बात हैं। भैयाथान जनपद से महज 12 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत बस्कर का बाजारपारा इन हालातों का जीता-जागता उदाहरण है, जहां के ग्रामीण सालों से एक छोटी पुलिया के लिए संघर्ष कर रहे हैं।


उफनते नाले में जान जोखिम में डालते बच्चे
हर साल बरसात में यहां का “छोटका नाला” उफान पर आ जाता है, जिससे स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर आना-जाना पड़ता है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक महिला को अपने बच्चे को गोद में लेकर उफनता नाला पार करते देखा गया। यह वीडियो प्रशासन की घोर लापरवाही की पोल खोलता है।
बांस के रपटे को भी बहा ले गई बारिश
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन से गुहार लगाने के बाद जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने मिलकर बांस और लकड़ियों से एक रपटा बनाया, लेकिन तेज बारिश ने उसे भी बहा दिया। अब वे फिर से उसी खतरनाक रास्ते से आने-जाने को मजबूर हैं।
मंत्री के आश्वासन का नहीं दिखा असर
कुछ दिन पूर्व “गांव चलो, बस्ती चलो” अभियान के तहत क्षेत्र की विधायक और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े गांव पहुंचीं थीं। उस दौरान भाजपा नेता रक्षेन्द्र प्रताप सिंह ने ग्रामीणों की समस्याओं से मंत्री को अवगत कराया था। मंत्री ने पुलिया निर्माण का आश्वासन तो दिया, लेकिन 18 महीने बीत जाने के बाद भी कोई काम शुरू नहीं हो सका है।
हर चुनाव में वादा, फिर भूला दिया जाता है
बाजारपारा में पनिका और गोंड समाज के लगभग एक दर्जन परिवार रहते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि हर चुनाव में पुलिया बनाने का वादा किया जाता है, लेकिन चुनाव जीतते ही नेता गांव की तरफ मुड़कर नहीं देखते। इस बार लोगों को मंत्री से उम्मीद थी, लेकिन निराशा ही हाथ लगी।
जल्द समाधान नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द पुलिया निर्माण का काम शुरू नहीं किया गया, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। उनका कहना है कि अब चुप बैठना मुश्किल हो गया है क्योंकि सवाल बच्चों की जिंदगी और सुरक्षा का है।
पूर्व विधायक ने सरकार पर साधा निशाना
भटगांव के पूर्व विधायक पारसनाथ राजवाड़े ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “सरकार सुशासन तिहार मना रही है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि कोई विकास कार्य नहीं हो रहा है। सड़क, बिजली, स्कूल जैसी मूलभूत सुविधाएं भी बदहाल हैं। मंत्री जी को तो गांव के लोग देख ही नहीं पा रहे, उनके बदले पति दौरे करते हैं। जनता अब पूछ रही है कि वोट जिनको दिया, वो आखिर हैं कहां?”