Success Story: एक साल पूर्व तक जो महिला घर का कामकाज संभाल रही थी, आज वह कपड़ा उद्योग लगाकर 6 लोगों को रोजगार दे रही है. जी हां, यह कहानी गया जिले के मानपुर प्रखंड के रामबाग के रहने वाली आंचल कुमारी की है. आंचल एक साल पूर्व तक घर में गृहणी के रूप में रह रही थी. लेकिन, आज वह जिले की एक सफल महिला उद्यमी बन गई है और अपने साथ 6 अन्य लोगों को रोजगार दे रखी है. आंचल को सिलाई का शौक था और पहले भी सिलाई का प्रशिक्षण ले चुकी थी, लेकिन विवाह के बाद वह घर का कामकाज संभाल रही थी.
घर का काम संभालने के बाद उनके पास काफी वक्त बचा रहता था. ऐसे में ख्याल आया क्यों ना कुछ काम शुरू कर परिवार को सपोर्ट किया जाए. इसके बाद मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की जानकारी मिली. वर्ष 2022 में पूरी जानकारी एकत्रित कर आवेदन कर दिया और चयन भी हो गया. उद्योग विभाग से 10 लाख रुपए का लोन मिल गया, जिसमें 5 लाख सब्सिडी भी मिल गई.
मुख्यमंत्री महिला उद्यमी के पैसे से आंचन ने घर में रेडीमेड गारमेंट्स का उद्योग शुरू कर दिया. उद्योग को शुरू किए 6 महीने से भी अधिक समय हो गए हैं और आज इनके उद्योग में आधा दर्जन लोग काम करते हैं और कारीगरों की आय 15 से 20 हजार रुपए प्रतिमाह है.
आंचल अपने उद्योग केन्द्र में कई तरह के कपड़े की सिलाई करती है. जिसमें मुख्य रूप से ट्राउजर, पैंट, टी-शर्ट, शर्ट एवं अन्य तरह के वस्त्र शामिल है और इसकी डिमांड बिहार और झारखंड में तो है ही, अब अन्य राज्य जैसे केरल और गुजरात से भी इनके पास डिमांड आ रही है. आंचल ने लोकल 18 को बताया कि इस उद्योग को शुरू करने में पति का काफी सपोर्ट मिला है. जब से यह उद्योग शुरू हुआ है, पति मार्केटिंग का काम देखते हैं.
इस उद्योग के कारण लोगों को रोजगार भी मिला है और सब खर्च काटकर हर माह दो से तीन लाख की बचत हो रही है.उन्होंने बताया कि डिमांड मिलने पर कई तरह के कपड़े तैयार करते हैं. कोलकाता और गुजरात से कच्चा माल मंगवाते हैं और फिर अपने उद्योग में ही इसकी कटाई-छटाई कर सिलाई करते हैं.
रेडीमेड गारमेंट्स में बेहतर कार्य करने के लिए उद्योग विभाग से प्रशस्ति पत्र भी मिल चुका है. आंचल का सपना है कि इस उद्योग को और आगे बढ़ाएं और आने वाले दिनों में बिहार के एक बड़े उद्यमी के रूप में पहचान बने. अगर कोई ग्राहक इनके उद्योग से कपड़े की खरीदारी करना चाहते हैं तो, वे मोबाइल नंबर 7091967743 पर संपर्क कर सकते हैं.