17 बरस की उम्र में संभाला कारोबार, 8000 करोड़ तक पहुंचाया टर्नओवर, बिस्लेरी सरीखी कंपनियों को आया पसीना!

जब हम फ्रूटी (Frooti), एप्पी (Appy) और बोतलबंद बेली वाटर (Bailley water) का नाम सुनते हैं, तो ताजगी का अहसास होने लगता है. आपने भी इन पेय पदार्थों का सेवन तो जरूर किया होगा. फ्रूटी और एप्पी तो पहले से ही काफी मशहूर थे, मगर पिछले कुछ वर्षों से बेली वाटर भी बिस्लेरी और किन्ली को कड़ी टक्कर दे रहा है. इस मशहूर प्रोडक्ट्स को बच्चे-बच्चे तक पहुंचाने का श्रेय नाडिया चौहान को जाता है. हालांकि यह बिजनेस उन्होंने शुरू नहीं किया, मगर इसे पहचान दिलाने का काम नाडिया ने ही किया. आज हम नाडिया चौहान की बात करेंगे कि कैसे उन्होंने अपने 300 करोड़ के टर्नओवर वाले फैमिली बिजनेस को देखते ही देखते 8,000 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंचा दिया.फ्रूटी, एप्पी और बेली वाटर को बनाने वाली कंपनी का नाम पारले एग्रो (Parle Agro) है. इसकी स्थापना 1985 में की गई थी. यही वह साल था जब कंपनी के फाउंडर प्रकाश चौहान के घर में एक बच्ची ने जन्म लिया. पहले भी प्रकाश चौहान के पास 2 बच्चे थे. उन्होंने अपनी बेटी का नाम रखा गया नाडिया. जैसे-जैसे नाडिया बड़ी हुई, वैसे-वैसे कंपनी का बिजनेस भी ग्रो होने लगा. जब नाडिया चौहान 17 साल की हुईं तो पारले एग्रो का टर्नओवर 300 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका था.नाडिया ने मुंबई के जमनाबाई नरसी स्कूल में स्टडी की. बाद में उन्होंने बिजनेस एंड मार्केटिंग में हायर एजुकेशन हासिल की. यहां उन्हें स्ट्रैटेजिक थिंकिंग को शार्प करने पर काम किया. अभी वे कॉलेज में ही थीं. कि उनकी रूचि अपने बिजनेस में भी होने लगी. 2003 में उन्होंने अपनी पढ़ाई पूर कर ली और फैमिली बिजनेस में पूरी तरह उतर आईं. उन्होंने अपने बिजनेस को पूरी तरह समझा और फिर उसके विस्तार (एक्सपेंशन) पर ध्यान देना शुरू किया.सिर्फ 17 साल की उम्र में उन्होंने औपचारिक रूप से पारले एग्रो का हिस्सा बनकर पहली बड़ी चुनौती का सामना किया. फ्रूटी ब्रांड तो था, लेकिन कई चुनौतियों का सामना कर रहा था. उसे फिर से जीवित करने की चुनौती नाडिया चौहान के सामने थी. फ्रूटी के सामने कई दूसरी कंपनियां चैलेंज बनकर खड़ी थीं. नाडिया ने फ्रूटी को फिर से उसकी जगह दिलाने के लिए एक इनोवेटिव कैंपेन चलाया, जिसकी टैगलाइन थी – Why Grow Up? मतलब बड़े होने की क्या जरूरत? फ्रूटी की टैगलाइन जल्दी ही मशहूर हो गई. अब तो यह 65 एमएल से लेकर 1.8 लीटर के पैक में भी आती है.नाडिया चौहान जब कंपनी में शामिल हुईं, तो कंपनी का कारोबार 300 करोड़ रुपये का था. 2017 तक बिजनेस बढ़कर 4,200 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक पहुंच गया. 2022-2023 तक पारले एग्रो का टर्नओवर 8,000 करोड़ रुपये तक बढ़ गया. इस विस्तार का एक महत्वपूर्ण पहलू नाडिया की स्ट्रैटेजिक प्लानिंग को माना जाता है, जिसका उद्देश्य कंपनी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को बढ़ाना था. नाडिया ने 2005 में एप्पी फिज (Appy Fizz) को लॉन्च किया.

एशिया की पावर बिजनेसवुमन की लिस्ट में नाम
नाडिया रिस्क लेने से कभी नहीं घबराई, बल्कि पारले एग्रो के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में विविधता लाकर एप्पी फिज और बेली वाटर जैसे सफल ब्रांड लॉन्च किए. उनकी नजर सिर्फ भारत तक सीमित नहीं थी. उन्होंने इसे एक ग्लोब पहचान दिलाने का सपना देखा. उनके नेतृत्व में पारले एग्रो की आय ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ और कंपनी भारत की सबसे तेजी से बढ़ती एफएमसीजी कंपनियों की लिस्ट में गिनी जाने लगी. 2018 में उन्हें फॉर्च्यून इंडिया की 40 अंडर 40 लिस्ट में स्थान मिला. इसके अलावा, फोर्ब्स एशिया की पावर बिजनेसवूमन लिस्ट में भी उनका नाम शामिल हुआ.

पर्सनल लाइफ
आज नाडिया चौहान पारले एग्रो की जॉइन्ट मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ मार्केटिंग ऑफिसर हैं, मगर अपनी पर्सनल लाइफ में भी वे उसी तरह एक्टिव और सफल हैं, जैसे बिजनेस में. नाडिया एक परिवार की समर्पित सदस्य भी हैं. उनके पति राधे श्याम दीक्षित भी एक सफल बिजनेसमैन हैं, और उनके दो बच्चे हैं. अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद नाडिया परिवार के साथ समय बिताने को प्राथमिकता देती हैं.

नाडिया चौहान ने कंपनी को टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर विशेष ध्यान दिया है. प्लास्टिक कचरे को कम करने और ईको-फ्रेंडली प्रथाओं को अपनाने के उनके प्रयास इंडस्ट्री के लिए एक मिसाल हैं. उनका लक्ष्य पारले एग्रो को एक अरब डॉलर की वैश्विक कंपनी बनाना है, जो अपनी जड़ों से जुड़ी रहे.

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