बिट्टू सिहं राजपूत ,सूरजपुर। जिला सूरजपुर में अवैध ईंट भट्ठों का संचालन तेजी से बढ़ रहा है, जो न केवल पर्यावरण को हानि पहुँचा रहा है, बल्कि सरकारी राजस्व को भी नुकसान पहुँचा रहा है। रामानुजनगर थाना क्षेत्र के तिवरागुड़ी, नकना, और बकना गांवों में अवैध ईंट भट्ठे धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। इन भट्ठों में भारी मात्रा में तस्करी का कोयला उपयोग किया जा रहा है, लेकिन प्रशासन और खनिज विभाग इस मुद्दे पर मूकदर्शक बने हुए हैं।
खनिज विभाग के अनुसार, जिले में गिनती के कुछ ईंट भट्ठा संचालकों ने ही औपचारिकताएँ पूरी की हैं। अधिकांश भट्ठे बिना अनुमति और रॉयल्टी जमा किए चलाए जा रहे हैं। लाल ईंट निर्माण के लिए कई रसूखदार लोग कुम्हार जाति को दी गई सरकारी छूट का दुरुपयोग कर रहे हैं। इन अवैध भट्ठों से खनिज विभाग को हर महीने लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
पर्यावरणीय और सामाजिक हानि
अवैध भट्ठों से निकला धुआँ पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है। भट्ठों के संचालकों द्वारा नियमों की अनदेखी के कारण पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है। वहीं, ईंट निर्माण में उपयोग किए जा रहे तस्करी के कोयले का उपयोग कानून और नैतिकता दोनों के खिलाफ है।
वहीं रामानुजनगर के एसडीएम अजय मोड़ीयम ने बताया कि अवैध ईंट भट्ठों के संचालन की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए खनिज विभाग और प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। हालांकि, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे अवैध गतिविधियों को प्रोत्साहन मिल रहा है।
कानून और नियमों की धज्जियां
अवैध भट्ठों के संचालक न तो विभागीय अनुमति लेना आवश्यक समझते हैं और न ही रॉयल्टी का भुगतान करते हैं। इनकी गतिविधियों पर प्रशासनिक नियंत्रण का अभाव साफ दिखाई देता है।
सख्त कार्रवाई की आवश्यकता
जिले के अवैध ईंट भट्ठों पर रोक लगाने और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खनिज विभाग और प्रशासन को तुरंत सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। संयुक्त टीम बनाकर इन भट्ठों पर छापेमारी और रॉयल्टी की वसूली सुनिश्चित की जानी चाहिए। साथ ही, तस्करी के कोयले के उपयोग पर भी रोक लगाई जानी चाहिए।
जिले में अवैध ईंट भट्ठों का बढ़ता कारोबार न केवल सरकारी राजस्व को हानि पहुँचा रहा है, बल्कि पर्यावरणीय और सामाजिक समस्याओं को भी जन्म दे रहा है। खनिज विभाग और प्रशासन की निष्क्रियता ने अवैध भट्ठा संचालकों के हौसले बुलंद कर दिए हैं। इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब सख्त कदम उठाए जाएँ और अवैध गतिविधियों पर प्रभावी रूप से रोक लगाई जाए।