RTI Act: आरटीआई एक्ट हल्के में लेने पर राज्य के पांच अफसरों को कड़ी फटकार, जानिए पूरा मामला

आरटीआई एक्ट को हल्के में लेने पर पांच अधिकारियों को राज्य सूचना आयोग ने कड़ी फटकार लगाई है। चार अधिकारियों ने बतौर अपीलीय अर्थोरिटी समय पर या नियमानुसार सुनवाई नहीं की। इनमें अतिरिक्त सचिव पशुपालन, संयुक्त निदेशक पर्यटन, जलशक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता हमीरपुर और एसडीएम कुल्लू शामिल हैं। राज्य मुख्य सूचना आयुक्त आरडी धीमान ने अधिकारियों को सतर्कता बरतने को कहा है।

केस-1
घुमारवीं के भंजवाली गांव के अजय कुमार ने आरटीआई आवेदन में वेटरनरी फार्मासिस्ट और सहायक को पशुओं को देखने की एवज में दिए जाने वाले सर्विस शुल्क की जानकारी मांगी थी। सूचना नहीं मिलने पर उन्होंने प्रथम अपीलीय अथॉरिटी में अपील दायर की। यहां सुनवाई न होने पर उन्होंने आयोग में दूसरी अपील की। आयोग ने कहा कि प्रथम अपीलीय अथॉरिटी के रूप में काम कर रहे अतिरिक्त सचिव पशुपालन ने अपील सुनने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। आयोग ने अतिरिक्त सचिव को सावधानी बरतने की चेतावनी दी।

केस-2
शिमला निवासी मोहित डोगरा ने जलशक्ति डिविजन भोरंज के अधिशासी अभियंता से सूचना नहीं मिलने पर जलशक्ति विभाग हमीरपुर में अधीक्षण प्रथम अपील की। बतौर प्रथम अपीलीय अथॉरिटी इस अपील की सुनवाई नहीं की। इस पर आयोग ने अधीक्षण अभियंता को भविष्य में सतर्कता बरतने की चेतावनी दी।

केस-3
सोलन के सलोगड़ा गांव के पीयूष गुप्ता ने पर्यटन विभाग के प्रचार अधिकारी से आरटीआई एक्ट के तहत जानकारी मांगी। जानकारी न मिलने पर आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधॉरिटी के समक्ष अपील दायर की। इसे नहीं सुना गया तो अपीलकर्ता ने आयोग में दूसरी अपील दायर की। आयोग ने सारे रिकॉर्ड का निरीक्षण के बाद सूचना देने में जान-बूझकर देरी की। अपीलकर्ता ने प्रथम अपीलीय प्राधिकारी यानी महाप्रबंधक के पास प्रथम अपील दायर की। प्रथम अपीलीय अधारिटी के रूप में संयुक्त निदेशक चेत नहीं दिखाई। आयोग चेतावनी जारी की कि भविष्य में सावधानी बरतें।

केस-4
अपीलकर्ता एन कश्यप को एसडीएम कार्यालय कुल्लू के अधीक्षक से आरटीआई एक्ट के तहत जानकारी नहीं मिली। उन्होंने एसडीएम के समक्ष प्रथम अपील की। इसे नहीं सुना तो की। आयोग ने एसडीएम को सावधानी बरतने की चेतावनी दी। यह भी कहा कि अपील को प्राप्ति के 30 दिनों के भीतर सुना जाना चाहिए। इसमें अतिरिक्त समय लेने पर 45 दिन से अधिक की देरी नहीं होनी चाहिए।

केस-5
चंबा के पारेल गांव के प्रशांत महाजन ने एएसपी चंबा से पुलिस चालान की जानकारी मांगी। एएसपी ने उपलब्ध सूचना दे दी। आवेदक ने इससे कर दी। एएसपी ने आयोग को बताया कि अतिरिक्त शुल्क लेने के बाद आवेदक क्लो सूचना दे दी है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे प्वाइंट नंबर तीन की सूचना नहीं दी गई। इस पर आयोग ने एएसपी को चेतावनी दी कि भविष्य में सतर्कता बरतें।

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