खपरैल घर से IPL तक: कभी लकड़ी के बैट से खेला, अब IPL में चमकेंगे रॉबिन मिंज!

गुमला। झारखंड का गुमला जिला खेलों के लिए जाना जाता है, लेकिन क्रिकेट में अब तक यह पहचान नहीं बना सका था। अब यह बदलाव देखने को मिल रहा है, और इसकी वजह बने हैं रॉबिन मिंज, जो एक छोटे से आदिवासी गांव सिलम पांदनटोली से निकलकर IPL तक पहुंचे हैं।

रॉबिन का बचपन संघर्षों से भरा था। उनका परिवार आर्थिक रूप से मजबूत नहीं था, लेकिन क्रिकेट के प्रति उनका जुनून बचपन से ही गहरा था। गांव में न तो क्रिकेट खेलने के लिए सही मैदान था और न ही अच्छे बल्ले और गेंद। ऐसे में उन्होंने खाना बनाने वाली लकड़ी को बल्ले की तरह इस्तेमाल करके क्रिकेट खेलना शुरू किया। धीरे-धीरे उनका खेल निखरता गया, और जब उनके पिता सेना की नौकरी के कारण रांची आए, तो रॉबिन को वहां क्रिकेट की बेहतर ट्रेनिंग मिलने लगी।

IPL में दूसरी बार चुने गए

पिछले साल गुजरात टाइटंस ने रॉबिन को 3.6 करोड़ रुपये में खरीदा था, लेकिन दुर्भाग्यवश एक सड़क दुर्घटना के कारण वे IPL नहीं खेल पाए। इस साल उनकी शानदार वापसी हुई है और मुंबई इंडियंस ने 65 लाख में उन्हें अपनी टीम में शामिल किया है।

गांव में जश्न का माहौल

रॉबिन की इस उपलब्धि से उनके गांव में जश्न का माहौल है। गांव के लोगों को उनसे काफी उम्मीदें हैं। उनके एक करीबी मित्र लालमोहन लोहरा बताते हैं कि रॉबिन की बल्लेबाजी आक्रामक है और विकेटकीपिंग भी शानदार है।

अब सभी की निगाहें इस युवा आदिवासी क्रिकेटर पर हैं, जो इस बार IPL में अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरने को तैयार है। उनका सपना सिर्फ IPL तक सीमित नहीं, बल्कि वे भारतीय टीम में भी अपनी जगह बनाना चाहते हैं।

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