बिट्टू सिंह राजपूत ,सरगुजा । सरगुजा जिले के सीतापुर ब्लॉक के एक पहाड़ी कोरवा दंपति और उनके बच्चे के त्रिपुरा के एक ईंट भट्ठे में फंसे होने की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि उन्हें अच्छी मजदूरी का लालच देकर वहां ले जाया गया, लेकिन बाद में जबरन मजदूरी कराने के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी गई। अब यह परिवार प्रशासन और स्थानीय लोगों से मदद की गुहार लगा रहा है ताकि वे अपने घर लौट सकें।
कैसे फंसा कोरवा परिवार?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीतापुर ब्लॉक के ग्राम देवगढ़ से लगे राजाआटा के निवासी यह कोरवा दंपति अपने बच्चे के साथ बेहतर आजीविका की तलाश में रांची गया था। यही से उन्हें किसी एजेंट ने अच्छी मजदूरी और बेहतर जीवन का सपना दिखाकर त्रिपुरा के एक ईंट भट्ठे में ले गया ,और अब यहां न तो पैसा मिल रहा है और न घर वापसी भेज रहे हैं ।
पिडित ने बताया कि यहां पहुंचते ही जबरन मजदूरी करवाई जाने लगी है। भट्ठा मालिक न केवल काम के बदले उचित मजदूरी देने से इनकार कर रहा है, बल्कि उनके साथ मारपीट भी कर रहा है। पीड़ितों का कहना है कि यहां से बाहर निकलना चाहते हैं, लेकिन भट्ठा मालिक उन्हें जाने नहीं दे रहा है।
वीडियो कॉल पर सुनाई आपबीती
त्रिपुरा में फंसे इस कोरवा दंपति ने सीतापुर क्षेत्र के एक शिक्षक से वीडियो कॉल के जरिए संपर्क किया और अपनी दर्दनाक कहानी साझा की। परिवार ने बताया, “हमने सोचा था कि जंगल में लकड़ी काटने से अच्छा होगा कि बाहर जाकर पैसे कमाएं, ताकि एक अच्छा घर बना सकें। लेकिन यहां हमें बंधुआ मजदूरी कराई जा रही है। न तो वे पैसे दे रहे हैं और न ही वापस जाने दे रहे हैं। हमारी मदद कीजिए, हम घर लौटना चाहते हैं।”
इस वीडियो कॉल के बाद शिक्षक ने तुरंत सीतापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई और प्रशासन से पीड़ित परिवार की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की अपील की।
बंधुआ मजदूरी का मामला?
यह घटना मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी के मामलों को उजागर करती है, जिसमें गरीब और अशिक्षित लोगों को अच्छी मजदूरी और सुविधाओं का लालच देकर दूरदराज के इलाकों में ले जाया जाता है और फिर उनसे अमानवीय परिस्थितियों में काम कराया जाता है। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है।
प्रशासन ने शुरू की जांच
सीतापुर थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल ने बताया कि शिक्षक द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।