रायपुर । वेस्टर्न डिस्टरबेंस से प्रदेश में मई में अंधड़, ओले-बारिश का दौर चल रहा है। अगले 4 दिन यानी 6 मई तक कुछ इलाकों में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। गरज-चमक के साथ ओले गिर सकते हैं, कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती है। बादल, बारिश और तेज हवाओं से प्रदेश के तापमान में 4-5 डिग्री की गिरावट आई है।वहीं प्रदेश में 24 घंटे पहले आई आंधी-बारिश का असर रबी की फसल, सब्जियों और फलों में खासकर आम पर पड़ा है। भिलाई में पपीते, केले और चीकू की 500 एकड़ खेती प्रभावित हुई है।अंधड़ से इलेक्ट्रिक पोल, तार टूटने से रायपुर, भिलाई समेत कई जिलों में बिजली सप्लाई ध्वस्त रही।
व्यवस्था बहाल करने के लिए पावर कंपनी का मैदानी अमला जुटा रहा। शुक्रवार शाम तक करीब 80% व्यवस्था बहाल हो पाई, जबकि देर रात तक बची हुई 20% शिकायतों पर काम चलता रहा।केले-पपीते, चीकू की फसल बर्बाद, 70-80 लाख काअंधड़ से दुर्ग जिले के धमधा क्षेत्र में 500 एकड़ में लगी केले, आम, पपीता और चीकू की फसल तैयार होने से पहली बर्बाद हो गई। यहां जेएस फर्म करीब 500 एकड़ पर ऑर्गेनिक खेती करती है।
यहां के किसान राजेश पुनिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मौसम की मार से करीब 70-80 लाख के नुकसान का अनुमान है।जानिए, बिजली व्यवस्था के अलावा इसका क्या असरफसल- आंधी के साथ बड़े ओले भी गिरे हैं। गेहूं, धान, तिवरा सहित रबी फसल बर्बाद हुई। किसान फसल बीमा में मुआवजे का आवेदन कर सकते हैं।सब्जी- गर्मियों में मिलने वाली भाजियों पर तेज हवा और ओले का असर पड़ा है। वे पूरी तरह खराब हो गई हैं।
फल – छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में इस समय अचार डालने वाले आम की बड़ी मात्रा में पैदावार होती है। ओले और आंधी के कारण बड़ी मात्रा में समय से पहले पेड़ों से आम गिर गए।गरियाबंद, भाटापारा, धमतरी, महासमुंद, बलौदाबाजार में बड़े पैमाने पर पेड़ गिरे हैं। गुरुवार की शाम से क्षतिग्रस्त पावर सप्लाई सिस्टम की मरम्मत करने का काम चल रहा है। अधिकांश जगहों पर मेंटनेंस वर्क हो चुका है। निजी शिकायतों का निराकरण शुक्रवार देर शाम तक किया गया। बारिश, ओले और अंधड़ से रबी फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा रहा।
खेत में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद होने की स्थिति में पहुंच गई है। इसके अलावा फलों में आम, केला, पपीता को भी खासा नुकसान हुआ है। भाजियां और लोकल सब्जियां भी आंधी-बारिश से खराब हुई हैं। क्यों बदल रहा मौसममौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के पास एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय है।
वहीं दूसर ट्रफ लाइन हरियाणा से केरल तक फैला है जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ में मौसम बदला हुआ है।तापमान में नहीं होगा बड़ा बदलावमौसम विभाग ने साफ किया है कि आने वाले 4 दिनों में अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।
यानी गर्मी का असर बना रहेगा, लेकिन गरज-चमक और बारिश से थोड़ी राहत जरूर महसूस होगी।रायपुर में पड़ सकती हैं बौछारेंआज बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। दिन का तापमान 39 डिग्री तक जा सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान करीब 24 डिग्री रह सकता है।