सूरजपुर की शराब दुकान में मिलावटी शराब का भंडाफोड़ ,सेल्स कंपनी के जिम्मेदार की भूमिका संदिग्ध

सूरजपुर। जिले में लगातार सरकारी शराब दुकानों में मिलावट की शिकायतें सामने आ रही हैं, बावजूद इसके आबकारी विभाग की निष्क्रियता सवालों के घेरे में है। ताजा मामला बिहारपुर स्थित विदेशी मदिरा दुकान का है, जहां शराब में पानी मिलाकर बिक्री की जा रही थी। सरगुजा संभागीय उड़नदस्ता की टीम ने छापेमारी कर 6 पेटी लाइफस्टाइल ब्रांड की मिलावटी व्हिस्की (कुल 288 नग) जब्त की। साथ ही एक लीटर की बोतल में पानी मिलाकर मिलावटी शराब भी पकड़ी गई।

कार्रवाई के दौरान दुकान से कुल 52.84 लीटर मिलावटी मदिरा, 41 नग ढक्कन, और 1 नग सूजा (मिलावट उपकरण) बरामद हुआ। इस मामले में मुख्य विक्रेता दीपक कुमार गुप्ता और विक्रयकर्ता रामप्रताप के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 38(क), 39(ख), 39(ग) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। कार्रवाई का नेतृत्व उड़नदस्ता टीम के आबकारी उप निरीक्षक टी.आर. केहरी ने किया, जिसमें जिला सूरजपुर के आबकारी उप निरीक्षक प्रदीप वर्मा भी शामिल रहे।

कंपनी की भूमिका पर उठे सवाल

सूत्रों के मुताबिक , जिलेभर की शराब दुकानों का संचालन “ऑल सर्विसेज ग्लोबल” नामक निजी कंपनी कर रही है। कंपनी द्वारा बीजेपी युवा मोर्चा के एक जिला मंत्री को प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है, जिनका काम कर्मचारियों की निगरानी करना है। लेकिन आरोप हैं कि इन्हीं की मिलीभगत से मिलावट का खेल संचालित हो रहा है।

स्थानीय सूत्रों का कहना है कि प्राइवेट कंपनी के इस प्रतिनिधि की पहुंच के चलते आबकारी विभाग भी कार्रवाई से बचता रहा है। सवाल यह उठता है कि जब विभाग को जानकारी थी, तब तक कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया?

सुशासन पर सवाल

प्रदेश सरकार भले ही सुशासन की बात करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति की जा रही है, जबकि असली गुनहगार प्राइवेट कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी अब भी कानून की पकड़ से बाहर हैं।

अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार आम जनता की जान से खिलवाड़ करने वाले इन सफेदपोशों पर कोई ठोस कार्रवाई करती है या नहीं।

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