राजधानी में मानव तस्करी का सनसनीखेज खुलासा, मास्टरमाइंड महिला गिरफ्तार

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक दिल दहला देने वाला मानव तस्करी और जबरन विवाह का मामला सामने आया है। इस मामले में पीड़िता की खोजबीन के बाद पुलिस ने न केवल उसे छतरपुर (मध्यप्रदेश) से बरामद किया, बल्कि इस गिरोह की जड़ तक पहुंचते हुए अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है। जबकि मास्टरमाइंड पति-पत्नी जोड़ी की तलाश अब भी जारी है।

पूरा मामला तब सामने आया जब पीड़िता की भाभी ने गुढियारी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी ननद घर से अचानक गायब हो गई है। चूंकि वह बिना किसी सूचना के लापता हुई थी, इसलिए भाभी ने किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपहरण की आशंका जाहिर की। पुलिस ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए अपराध क्रमांक 55/2025 धारा 137(2) BNS के तहत केस दर्ज किया और जांच शुरू की।

पीड़िता ने भाई को दी सच्चाई करीब एक हफ्ते बाद, दिनांक 21 मार्च 2025 को पीड़िता ने खुद अपने भाई को कॉल कर बताया कि उसे एक व्यक्ति, राजेश, बहला-फुसलाकर रायपुर से छतरपुर (मध्यप्रदेश) ले गया। वहां उसने उसे एक लाख रुपये में बाबूलाल अहिरवार नामक व्यक्ति को बेच दिया और जबरन उससे विवाह करवा दिया।

गुढियारी पुलिस तत्काल हरकत में आई और टीम को मध्यप्रदेश रवाना किया गया। टीम ने ग्राम हिम्मतपुरा, थाना सतई, जिला छतरपुर से पीड़िता को दस्तयाब कर 1 अप्रैल को रायपुर लाया। पीड़िता ने बयान में बताया कि राजेश नामक व्यक्ति उसे बहकाकर ले गया और बाबूलाल अहिरवार को एक लाख रुपये में बेच दिया। शादी के बाद बाबूलाल ने पीड़िता के साथ कई बार जबरन शारीरिक संबंध बनाए।

इस आधार पर पुलिस ने प्रकरण में धारा 64, 143, 144 BNS और POCSO एक्ट की धारा 4, 6 को जोड़ा। बाबूलाल को उसी दिन गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

रेलवे स्टेशन पर होती थी लड़कियों की तलाश जांच के दौरान जब पुलिस ने मामले की गहराई में जाकर पूछताछ की तो इस पूरे घटनाक्रम में एक संगठित गिरोह की सच्चाई सामने आई। फरार आरोपी राजेश उर्फ राजेन्द्र कामडे और उसकी पत्नी लक्ष्मी, पीड़िताओं की तलाश रेलवे स्टेशनों पर किया करते थे। इसी गिरोह की सदस्य सुषमा पटेल भी इस काम में संलिप्त पाई गई। सुषमा पटेल को पुलिस ने छतरपुर से गिरफ्तार किया।

पूछताछ में उसने खुलासा किया कि दिनांक 08 फरवरी 2025 को वह राजेश के बुलावे पर रायपुर आई थी और वहां से असहाय लड़कियों की तलाश कर रही थी। 21 फरवरी को सुषमा, राजेश और लक्ष्मी ने मिलकर पीड़िता को रायपुर रेलवे स्टेशन से बहला-फुसलाकर अपहरण कर लिया।

पहले राजस्थान, फिर छतरपुर में बेचा गया गिरोह की योजना थी कि पीड़िता को राजस्थान में किसी व्यक्ति को बेच दिया जाए, लेकिन वहां कोई ‘खरीदार’ नहीं मिलने पर योजना बदल दी गई। इसके बाद तीनों आरोपी पीड़िता को छतरपुर ले गए, जहां बाबूलाल अहिरवार को ₹1 लाख में बेचकर जबरन विवाह करवा दिया गया। अब तक की कार्रवाई और आगे की जांच गिरफ्तार आरोपी: सुषमा पटेल, पति राम सिंह पटेल, उम्र 41 वर्ष, निवासी श्रीराम कॉलोनी, संतोष गोस्वामी के किराये का मकान, छतरपुर, म.प्र।

बाबूलाल अहिरवार, निवासी छतरपुर, म.प्र। फरार आरोपी: राजेश उर्फ राजेन्द्र कामडे लक्ष्मी (पत्नी राजेश) इन दोनों की तलाश जारी है। पुलिस टीमें मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। पुलिस की सराहनीय कार्यवाही रायपुर पुलिस की तत्परता और गहरी छानबीन ने न केवल एक पीड़िता को बचाया, बल्कि मानव तस्करी के एक गंभीर और सुनियोजित गिरोह को उजागर किया। यह मामला इस बात की मिसाल है कि कैसे संगठित अपराधी असहाय लड़कियों को निशाना बनाकर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं।

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