आपका बच्चा बहुत ज्यादा शरारती है तो Parents Alert! एक मिनट भी टिककर नहीं बैठता बच्चा तो वो है ADHD का शिकार  

सेहत।  आपका बच्चा बहुत ज्यादा शरारती है, समय पर सोता नहीं और अक्सर बिना सोचे समझे रिएक्ट कर देता है तो आपको सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि ये सारे लक्षण ADHD के भी हो सकते हैं।

जी हां, ADHD यानी Attention Deficit Hyperactivity Disorder एक न्यूरोलॉजिकल (मस्तिष्क से जुड़ी) स्थिति है, जो आमतौर पर बच्चों में देखी जाती है। इस स्थिति में बच्चा बहुत ज्यादा चंचल, असावधान और अक्सर बिना सोचे कार्य करने वाला होता है।

बच्चों में ADHD (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) क्या है?ADHD यानी अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर, बच्चों में होने वाली एक न्यूरो डिवेलपमेंटल यानी मस्तिष्क के विकास से जुड़ी मानसिक स्थिति है। इसमें बच्चा सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक चंचल, ध्यान भटकने वाला और बिना सोचे-समझे कार्य करने वाला हो सकता है।  वे अक्सर स्कूल में ध्यान न दे पाने, पढ़ाई में पिछड़ने और सामाजिक रिश्तों में परेशानियों का सामना करते हैं।

कुछ बच्चे जरूरत से ज़्यादा बातें करते हैं, हर समय एक्टिव रहते हैं और अपनी बारी का इंतजार नहीं कर पाते। यह समस्या बचपन में शुरू होती है और अगर समय रहते इलाज न हो तो यह किशोरावस्था या वयस्कता तक भी बनी रह सकती है।ADHD के लक्षण कैसे पहचानें?

1. Inattention (ध्यान की कमी)बच्चा छोटी-छोटी बातों में ध्यान खो देता है।स्कूल का काम या होमवर्क अधूरा छोड़ देता है।बार-बार पेन, किताबें जैसी चीजें खो देता है।बात सुनते हुए भी ऐसा लगता है जैसे वह कहीं और है।

2. Hyperactivity (अत्यधिक सक्रियता)एक जगह शांत नहीं बैठ पाता।बार-बार दौड़ता है, उछलता-कूदता है।बहुत तेज बोलता है या बिना रुके बोलता जाता है।किसी भी स्थिति में संयम नहीं रख पाता।

3. Impulsivity (बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया)बात बीच में काट देता है।बारी का इंतजार नहीं करता।अचानक गुस्सा, रोना या ज़ोर से प्रतिक्रिया देना।

ADHD के कारण क्या हो सकते हैं?इस समस्या के पीछे कई तरह के कारण हो सकते हैं। जैसे कि मस्तिष्क की संरचना में बदलाव, ऐसे स्थिति में मस्तिष्क के कुछ हिस्सों की गतिविधि कम हो सकती है। इस समस्या का कारण मस्तिष्क में रासायनिक संतुलन का बिगड़ना हो सकता है, जिसमें डोपामिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर शामिल हैं। यह स्थिति जन्मजात भी हो सकती है या फिर समय के साथ भी विकसित हो सकती है।

अनुवांशिकता (Genetics)भी एक बड़ा कारण हो सकता है। परिवार में किसी को हो तो जोखिम बढ़ जाता है।गर्भावस्था में नशा या दवाइयों का दुरुपयोग भी इसके खतरे को बढ़ा देता है। इससे भ्रूण के मस्तिष्क को नुकसान पहुंच सकता है।खानपान की गुणवत्ता का भी इसका सीधा असर दिखता है।

फूड कलर (Red 40, Yellow 5), ज्यादा चीनी, जंक फूड ये भी इस समस्या का बड़ा कारण है और इस समस्या को बढ़ा भी सकते हैं।किन बच्चों को ADHD हो सकता है?इस समस्या के ज्यादातर लक्षण 4 से 12 साल की उम्र के बच्चों में दिखते हैं और लड़कियों के मुकाबले लड़कों में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है।1. जिनके परिवार में किसी को मानसिक बीमारी रही हो।

2. समय से पहले जन्में (Premature) या कम वजन वाले बच्चों को हो सकती है।पेरेंट्स का ये बात ध्यान में रखना बहुत जरूरीADHD कोई बच्चा जानबूझ कर ऐसा नहीं करता, यह एक मस्तिष्क से जुड़ी स्थिति है।

समय पर इलाज और सही परवरिश से बच्चा सामान्य जीवन जी सकता है। माता-पिता का धैर्य, समझ और प्यार सबसे बड़ी दवा है।सही समय पर पहचान और उपचार से बच्चों को सामान्य जीवन जीने में मदद की जा सकती है।

उपचार में व्यवहारिक थेरेपी, काउंसलिंग और कुछ मामलों में दवाएं भी शामिल होती हैं।ADHD का मेडिकल इलाजBehavioral Therapy: व्यवहार सुधारने के लिए मनोवैज्ञानिक की मदद ली जाती है।

Parent Counselling: माता-पिता को बच्चे से कैसे पेश आना है, इसकी ट्रेनिंग दी जाती है।दवाएं: ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर द्वारा दवाएं दी जाती हैं जो मस्तिष्क में कुछ रसायनों को संतुलित करती हैं।ADHD बच्चों के लिए घरेलू उपायरूटीन बनाएं: सोने, उठने, पढ़ाई और खाने का एक तय समय रखें।स्क्रीन टाइम सीमित करें: 

मोबाइल, टीवी का समय रोजाना 30-60 मिनट से ज्यादा न हो।संतुलित भोजन दें: जैसे फल, सब्ज़ियां, नट्स (अखरोट, बादाम), अंडे, दूध, घी आदि।खतरनाक केमिकल्स से बचें: Red 40, Yellow 5 जैसे रंगों वाले स्नैक्स या ड्रिंक्स से दूरी रखें।ध्यान केंद्रित करने वाले खेल: पज़ल्स, चित्र बनाना, सुडोकू, मेडिटेशन, योग जैसी एक्टिविटी का हिस्सा बनाएं।

खबरें और भी हैं...

फॉलो करें

64,000FansLike
47FollowersFollow
5,480SubscribersSubscribe

ट्रेंडिंग

WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें