बिहार विधानसभा चुनाव के पहले रोजगार को लेकर बिहार कांग्रेस एक बार फिर नीतीश सरकार पर हमलावर हो गई है. पहले कांग्रेस के जरिए ‘नौकरी दो पलायन रोको’ पद यात्रा की गई. और अब 12 जून को राज्य के 25 जिलों में ‘नौकरी दो या सत्ता छोड़ो’ के मुद्दे पर सभी नियोजन कार्यालय पर आंदोलन जारी है.
आंदोलन का एजेंडा- नौकरी दो, नहीं तो सत्ता छोड़ो
राजधानी पटना में भी गुरुवार को आयकर चौराहा स्थित नियोजन कार्यालय पर कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज और सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी पहुंचे और नौकरी के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोला. कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि आज बिहार के 25 जिलों में स्थित रोजगार कार्यालय पर कांग्रेस की ओर से बड़ा आंदोलन किया जा रहा है. इस आंदोलन का एजेंडा है नौकरी दो, नहीं तो सत्ता छोड़ो.
उन्होंने बताया कि हमलोग की मांग है कि खाली पदों पर भर्ती की जाए. 45 विभागों में लगभग 5 लाख पद रिक्त है, उस खाली पदों पर सरकार बहाली क्यों नहीं कर रही है. मुद्दा यही है कि खाली पदों पर बहाली क्यों नहीं हो रही है. इसका जवाब सरकार को देना पड़ेगा. इसी मुद्दे को लेकर पटना में भी बड़ा आंदोलन हम लोग कर रहे हैं.
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि यह मुद्दा बिहार के बेरोजगार युवाओं के लिए है. पिछले 20 वर्षों में सरकार ने युवाओं को ठगने का काम किया है और 75% लोग पलायन कर चुके हैं तो निश्चित तौर पर बिहार विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा कांग्रेस पार्टी बनाकर जनता के बीच जाएगी. उन्होंने कहा कि बिहार में सबसे बड़ी पेपर लीक का मामला भी एक बड़ी समस्या है. इस आंदोलन से हमलोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि अब तक जो पेपर लीक हुए हैं उसकी निष्पक्ष जांच हो.
पेपर लीक में जो लोग दोषी हैं, उस पर कार्रवाई हो’
पार्टी नेताओं ने कहा कि पेपर लीक में जो लोग दोषी हैं, उस पर कार्रवाई हो इस मामले पर सरकार चुप क्यों है यह बताएं. इसमें खास करके एसएससी, बीपीएससी नीट और यूजीसी पेपर लीक मामले में अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. इस वजह से बिहार में बेरोजगारी भी बढ़ रही है. बिहार में लगभग सात लाख से अधिक संविदा कर्मी नौकरी कर रहे हैं, अब तक इन लोगों को स्थाई क्यों नहीं किया गया. यह मुद्दा भी एक बड़ा मुद्दा है