रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हाथियों का आतंक लगातार बना हुआ है। जिले में 100 से अधिक हाथी अलग-अलग स्थानों पर विचरण कर रहे हैं। रोज़ाना किसी न किसी इलाके में अपनी मौजूदगी का एहसास करा रहे हैं। दरअसल, मंगलवार देर रात को छाल रेंज के औरानारा और बोजिया जंगल में एक हाथी दल से अलग होकर घूम रहा था। यह हाथी भोजन की तलाश में जंगल किनारे बसे गांवों की ओर आ गया।
सबसे पहले यह हाथी राईसमिल की बाउंड्रीवाल तोड़ते हुए भीतर घुस गया। इसके बाद औरानारा गांव पहुंचकर Also Read – कलेक्टर वसंत ने मीसा बंदियों का किया सम्मान ग्रामीण बंधन अगरिया के कच्चे मकान की दीवार ढहा दी। हालांकि बंधन अगरिया और उनका परिवार समय रहते घर से बाहर निकल गया, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई।ग्रामीणों के शोर मचाने पर हाथी वापस जंगल की ओर चला गया। सुबह वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का आकलन शुरू किया है। यह पहली घटना नहीं है।
बीते कुछ दिनों में हाथियों ने रायगढ़ जिले के कई इलाकों में नुकसान पहुंचाया है। पुसल्दा गांव में प्राथमिक स्कूल की रसोई घर की दीवार तोड़ी। कर्मीपारा मोहल्ला में नरेश राठिया के कच्चे घर की दीवार ढहा दी। अब राईसमिल और औरानारा में दीवारें तोड़ी गईं। रायगढ़ और धरमजयगढ़ वन मंडल में कुल 149 हाथी सक्रिय हैं। रिपोर्ट अनुसार धरमजयगढ़ वन मंडल में 105, रायगढ़ वन मंडल में 44 हाथियों की मौजूदगी है। इसमें नर की संख्या 36, मादा 68 और शावक 45 की संख्या में हैं। इनमें से अधिकांश हाथी अब धरमजयगढ़ के जंगलों की ओर बढ़ गए हैं। छाल वन परिक्षेत्र अधिकारी चंद्रविजय सिंह सिदार ने बताया कि, छाल रेंज में हाथी अलग-अलग दलों में घूम रहे हैं।
लगातार हाथी से बचाव के लिए मुनादी कराई जा रही है। वन विभाग की टीम निगरानी कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि मंगलवार रात को हुए नुकसान का विवरण तैयार किया जा रहा है और प्रभावित ग्रामीणों को सहायता प्रदान की जाएगी।