रायपुर । राजधानी रायपुर के जयस्तंभ चौक स्थित व्यावसायिक काम्पलेक्स रवि भवन में गुरुवार को जिला पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग और एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन की संयुक्त टीम ने छापामार कार्यवाही की है, जिससे दुकानदारों में हड़कम्प मच गया है। इस दौरान 5 दुकानों में आधा दर्जन नाबालिग काम करते हुये मिले है।
इन बच्चों को दुकान संचालकों द्वारा नौकरी पर रखकर काम कराया जा रहा था। टीम ने सभी बच्चों के परिजनों का पता लगाने तक बाल कल्याण समिति के माध्यम से बाल आश्रम एवं बाल केंद्र में संरक्षण दिया है, वहीं दुकान संचालकों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जा रही है। इस कार्यवाही से दुकानदारों में हड़कम्प मच गया, नाबालिग बच्चों से श्रम कराना कानूनी अपराध होने के बाद भी कई व्यापारी एवं कारोबारी बेखौफ होकर बच्चों को काम पर रखकर उनसे श्रम करा रहे हैं, जो कि बाल शोषण के अंतर्गत आता है।इन दुकानों में काम करते मिले बच्चे :इस मामले में जिन दुकानों पर कार्यवाही की गई है, उनमें तिरूपति नावेल्टी, मोबाइल गैलेक्सी, बालाजी वॉच, स्मार्ट मोबाइल एवं जय मोबाइल नाम की दुकानें हैं।
इनमें से एक दुकान में दो नाबालिग काम करते मिले, वहीं अन्य दुकानों में एक-एक नाबालिग मिले। टीम ने कार्यवाही के बाद सभी नाबालिग बच्चों को उनके परिजनों के मिलने तक बाल आश्रम व केंद्र में रखा गया है, उसके बाद उन्हें न्यायिक प्रक्रिया के तहत परिजनों को सौंप दिया जायेगा।दुकान संचालकों पर एफआईआर :इधर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी शैल ठाकुर ने बताया कि, जिन दुकानों में नाबालिग बच्चों से काम कराया जा रहा था, उन सभी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करते हुए गोलबाजार थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है।
सभी दुकानदारों के विरुद्ध किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 तथा बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियम) अधिनियम 1986 की धाराओं के तहत अपराध दर्ज कराया जा रहा है।आपको बता दें कि अधिनियम 2015 और बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 दोनों ही बाल श्रम से संबंधित हैं, लेकिन उनके उद्देश्य और प्रावधान दोनों अलग-अलग हैं, ऐसे में इनके तहत कार्यवाही की जा रही है। वहीँ अधिनियम 2015 (बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम, 2015) किशोर न्याय अधिनियम है जो बच्चों की देखभाल, संरक्षण और कल्याण के लिए प्रावधान करता है।
बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 बाल श्रम को प्रतिबंधित करता है और 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के किसी भी व्यवसाय में काम करने और 14-18 वर्ष की आयु के किशोरों को खतरनाक व्यवसायों में काम करने से रोकता है। ऐसे में दुकानदारों पर इस कार्यवाही की गाज गिरी है। सूचना पर की गई छापामारी :इस मामले में प्रशासन को सूचना मिली थी कि रवि भवन में कई मोबाईल, वॉच सहित अन्य इलेक्ट्रानिक दुकानों में नाबालिग बच्चों से काम करवाया जा रहा है, जो कि कानून सम्मत नहीं है।
इसके बाद कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर जिला पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग और एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन की संयुक्त टीम ने दोपहर करीब 3 बजे रवि भवन में छापा मारा। इस दौरान कई दुकानों की जांच की गई। जांच के दौरान 5 दुकानों में 6 नाबालिग बच्चे काम करते मिले। इनमें दो बालिका एवं 4 बालक हैं। सभी बच्चे 15 से 16 वर्ष के हैं। इन सभी नाबालिगों को संरक्षण में लिया गया है।