हाथोर समाचार,सूरजपुर। रामानुजनगर विकासखंड के नारायणपुर स्थित निजी विद्यालय हंस वाहिनी विद्या मंदिर में केजी-2 के एक छात्र को होमवर्क न करने पर शिक्षिका द्वारा दंड दिए जाने के मामले में जिला प्रशासन और पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने पूरे प्रकरण की जांच कर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।

जांच में मामला सही पाया गया
जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि शिकायत मिलते ही विकासखंड शिक्षा अधिकारी को जांच के निर्देश दिए गए थे। जांच प्रतिवेदन में छात्र को दी गई सजा की शिकायत सत्य पाई गई।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि स्कूल में क्षमता से अधिक बच्चों को दाखिला दिया गया था। इस पर स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया।
स्कूल ने सजा स्वीकार की, शिक्षिका हटाई गई
प्राप्त नोटिस के जवाब में स्कूल प्रबंधन ने छात्र को सजा देने की बात स्वीकार करते हुए संबंधित शिक्षिका को तत्काल सेवा से हटाने की जानकारी पत्र के माध्यम से दी है।
अन्य स्कूल बच्चों को लेंगे, 29 नवम्बर को बैठक
डीईओ मिश्रा ने बताया कि 27 नवंबर को जनप्रतिनिधियों एवं पालकों की मौजूदगी में दो निजी विद्यालय संचालकों ने सहमति दी है कि वे हंस वाहिनी विद्या मंदिर के बच्चों को उसी फीस संरचना पर पढ़ाएंगे।
इस संबंध में 29 नवंबर को विकासखंड शिक्षा अधिकारी, पालकों और दोनों स्कूल प्रबंधकों की बैठक रखी गई है, जिसमें सभी बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।
स्कूल प्रबंधन पर एफआईआर, पुलिस ने लिया स्वत: संज्ञान
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत कुमार ठाकुर के निर्देश पर पुलिस ने उपलब्ध तथ्यों एवं वायरल वीडियो के आधार पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ अपराध क्रमांक 203/25, धारा 127(2) बीएनएस, तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75, 82 के तहत मामला दर्ज किया है।
थाना प्रभारी आलरिक लकड़ा ने बताया कि पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की है और मामले की जांच जारी है।
बच्चों की सुरक्षा पर प्रशासन ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर
प्रशासन का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा, सम्मान व संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता है और ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।



