बिट्टू सिंह राजपूत, रायपुर/सूरजपुर। रायपुर के एक फार्म हाउस में बीते दिनों हुई कथित वीआईपी न्यूड पार्टी में पुलिस की छापेमारी के दौरान कई प्रभावशाली लोग गिरफ्तार हुए। इनमें सबसे चर्चित नाम निकला सूरजपुर स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ रहे पूर्व बाबू जेम्स बेक उर्फ जेम्स बाबू का। गिरफ्तारी के बाद से ही जिले में यह मामला सुर्खियों में है।

स्वास्थ्य विभाग में रहा दबदबा
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस शासनकाल में जेम्स बाबू का सूरजपुर स्वास्थ्य विभाग पर गहरा दबदबा था। वे मनचाहे लोगों को लाभ पहुंचाते और फाइलों को मंजूरी दिलवाने में सक्षम थे। बताया जाता हैं की वर्ष 2022 में उन्होंने अपने करीबी के नाम पर फर्म बनाकर करोड़ों रुपये की फर्जी सप्लाई दिखाई, जो ज्यादातर कागजों तक सीमित रही। तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. आर.एस. सिंह ने उन पर भरोसा कर फाइलों पर बिना जांच हस्ताक्षर कर दिए थे।
‘गोल्ड मैन’ की आलीशान जिंदगी
स्थानीय लोग उन्हें ‘गोल्ड मैन’ के नाम से जानते हैं। एक मामूली सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद वे सोना-चांदी पहनकर शानो-शौकत से जीते थे। रायपुर में उनके पास फार्म हाउस और भारी संपत्ति है। सूत्रों का कहना है कि यदि जांच ईमानदारी से हुई तो ईडी द्वारा पकड़े गए कई नेताओं-अफसरों से ज्यादा नकदी और संपत्ति उनके पास मिल सकती है।
कोरोना काल में भी धोखाधड़ी
हाल में दर्ज एक एफआईआर में खुलासा हुआ है कि कोरोना काल में काम करने वाली फर्म का भुगतान न करके नई फर्म बनाकर लाखों रुपये का भुगतान करा दिया गया। इस पूरे मामले ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि जांच एजेंसियां इसे किस स्तर तक आगे ले जाती हैं।
(हाथोर समाचार अपने अगले अंक में इस घोटाले से जुड़ी फर्मों और व्यक्तियों के नाम उजागर करेगा।)