सूरजपुर, 29 मई 2025: नगर पंचायत जरही के भागीरथ मेहता के लिए आज का दिन जीवन में नई आवाजों का स्वागत लेकर आया। लंबे समय से सुनने की गंभीर समस्या से जूझ रहे भागीरथ की जिंदगी में जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणि देवपाल पैकरा की त्वरित और संवेदनशील पहल ने उम्मीद की किरण जगा दी।

शासन की जनकल्याणकारी योजना के तहत समाज कल्याण विभाग के सहयोग से उन्हें तत्काल श्रवण यंत्र प्रदान किया गया, जिसने उनकी खामोश दुनिया को फिर से ध्वनियों से भर दिया। आपकों बताते चलें कि भागीरथ मेहता की सुनने की समस्या ने उनके रोजमर्रा के जीवन को कठिन बना दिया था। जिला अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें श्रवण यंत्र की सलाह दी।
जैसे ही यह बात जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि देवपाल पैकरा के संज्ञान में आई, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। उनकी सक्रियता और समाज कल्याण विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया ने यह सुनिश्चित किया कि भागीरथ को न केवल समय पर श्रवण यंत्र मिले, बल्कि यह प्रक्रिया गरिमा और सम्मान के साथ पूरी हो। इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष रेखा राजवाड़े, जिला सदस्य किरण केराम और अनुज राजवाड़े भी मौजूद रहे, जिन्होंने चंद्रमणि देवपाल पैकरा की इस मानवीय पहल की दिल से सराहना की।
“हर जरूरतमंद तक पहुंचे शासन की योजना”
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि देवपाल पैकरा ने इस मौके पर कहा, “हमारी सरकार का संकल्प है कि कोई भी पात्र व्यक्ति शासन की योजनाओं से वंचित न रहे। भागीरथ मेहता को श्रवण यंत्र प्रदान करना हमारी इस प्रतिबद्धता का छोटा सा कदम है। मेरा प्रयास है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक मदद पहुंचे, और यह प्रक्रिया अनवरत जारी रहेगी।
” उनकी यह बात उनकी गहरी संवेदनशीलता और सामाजिक न्याय के प्रति उनके दृढ़ संकल्प को रेखांकित करती है। श्रीमती चंद्रमणि देवपाल पैकरा की यह पहल न केवल एक व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाई, बल्कि उनके नेतृत्व में जनकल्याण की भावना को भी मजबूत किया।
गूंजी संवेदना की आवाज
भागीरथ के चेहरे पर लौटी मुस्कान और उनकी आंखों में झलकती खुशी इस बात का प्रमाण है कि शासन की योजनाएं सही नेतृत्व के साथ सही दिशा में पहुंच रही हैं। चंद्रमणि देवपाल पैकरा की यह पहल क्षेत्र में सामाजिक सरोकार और मानवीय संवेदना का प्रतीक बन गई है। समाज कल्याण विभाग और स्थानीय प्रशासन की तत्परता ने न केवल भागीरथ के जीवन को नई रोशनी दी, बल्कि क्षेत्रवासियों के बीच यह संदेश भी पहुंचाया कि शासन और प्रशासन उनके सुख-दुख में उनके साथ हैं।
कुलमिलाकर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती चंद्रमणि देवपाल पैकरा का यह प्रयास न केवल भागीरथ की कहानी को खास बनाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि संवेदनशील नेतृत्व और सक्रिय प्रशासन मिलकर समाज के कमजोर वर्गों के लिए आशा की नई राह बना सकते हैं। यह पहल सूरजपुर जिला ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो यह साबित करती है कि मानवता और संवेदना से संचालित प्रशासन समाज को नई दिशा दे सकता है।