हाथोर समाचार@ बिट्टू सिंह राजपूत/नंदकुमार कुशवाहा
सरगुजा/बलरामपुर।मंगलवार देर रात जिले के तातापानी चौकी अंतर्गत विश्रामनगर के धनेशपुर गांव में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब लगातार हो रही भारी बारिश के चलते 50 साल पुराना लुती बांध अचानक टूट गया। हादसे में दो घर बह गए, जिसमें एक ही परिवार के 6 सदस्य सहित कुल 7 लोग लापता हो गए। रेस्क्यू टीम ने अब तक तीन महिलाओं और एक मासूम सहित चार शव बरामद कर लिए हैं, जबकि तीन अन्य की तलाश अभी भी जारी है।


सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और NDRF की टीम रात में ही घटनास्थल पर पहुंच गई। बचाव कार्य रात भर चलता रहा और बुधवार को भी अभियान जारी रहा। हादसे में रामवृक्ष नामक ग्रामीण का पूरा परिवार जलप्रलय की भेंट चढ़ गया। रामवृक्ष किसी कार्य से बाहर थे, जिससे वे बच गए, परंतु उनकी पत्नी, दो बहुएं और तीन पोता-पोती घर में ही थे। एक अन्य मकान का निवासी भी लापता बताया गया है।
तीन साल से जर्जर था बांध, ग्रामीण दे रहे थे लगातार सूचना
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि लुती बांध पिछले तीन वर्षों से जर्जर स्थिति में था और इसकी मरम्मत के लिए कई बार पंचायत और विभागीय अधिकारियों को सूचित किया गया था। इसके बावजूद विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ग्रामीणों ने बताया कि बांध में लीकेज लगातार बढ़ता जा रहा था और यह पहले ही खतरे की घंटी बजा रहा था।

ग्रामीणों का फूटा गुस्सा : “अगर समय रहते मरम्मत होती तो बच सकती थीं जानें”
धनेशपुर गांव के निवासियों का कहना है कि यदि प्रशासन और संबंधित विभाग समय पर चेत जाते, तो यह जानलेवा हादसा नहीं होता। “हमने कई बार सरपंच और सचिव को बताया था, वे आते थे, देखते थे, फिर चले जाते थे। कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मानव के साथ-साथ मवेशियों की भी गई जान
लुती बांध टूटने से सिर्फ मानव जीवन ही नहीं, मवेशियों को भी भारी नुकसान हुआ है। तेज बहाव में कई जानवर भी बह गए। निचले इलाकों में पानी भर जाने से गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। दो मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
जांच और कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बांध की समय रहते मरम्मत न कराने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
पूर्व विधायक ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
पूर्व विधायक वृहस्पति सिंह ने राज्य सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि प्रदेश में जितने भी पुराने डेम और तालाब हैं, उनकी मरम्मत को लेकर सरकार पूरी तरह उदासीन है। इसी लापरवाही का नतीजा है कि आज इतना बड़ा हादसा हुआ, जिसमें एक ही परिवार के कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
सरकार पीड़ित परिवारों के साथ : मंत्री नेताम

प्रदेश सरकार के मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि इस घटना की जानकारी मुख्यमंत्री को दे दी गई है और उनसे चर्चा भी हुई है। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त, राजस्व अधिनियम के तहत क्षतिपूर्ति की राशि भी प्रभावित परिवारों को प्रदान की जाएगी।
मंत्री नेताम ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।