सरकार का बड़ा उपहार : छत्तीसगढ़ में जानिए साहीवाल गाय क्यों है इतनी खास? 325 आदिवासी महिलाएं बनेंगी स्वावलंबी

रायपुर। विष्णुदेव साय सरकार प्रदेश के 6 जिलों में 325 महिलाओं को 650 साहिवाल गाय का उपहार देने वाले हैं। आइए जानते हैं साहिवाल गाय के बारे में- इसकी खासियत क्या है, इसकी कीमत कितनी होती है, इस योजना का लाभ कैसे लें..?  

पाकिस्तान से है साहिवाल गाय का संबंध

साहिवाल गाय को किसान अक्सर व्यावसायिक रूप से पालना पसंद करते हैं क्योंकि यह नस्ल अच्छी मात्रा में दूध देती है। इसका मूल स्थान पाकिस्तान के साहिवाल जिले को माना जाता है। पहले यह नस्ल सिर्फ पंजाब में पाली जाती थी, लेकिन अब इसकी लोकप्रियता पूरे देश में बढ़ चुकी है।

औसतन साहिवाल गाय 10 से 20 लीटर दूध प्रतिदिन देती है, लेकिन यदि इसकी देखभाल सही ढंग से की जाए तो यह 40 से 50 लीटर तक दूध देने में सक्षम होती है।

क्यों है साहिवाल गाय का दूध खास?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, साहिवाल गाय का दूध बेहद पौष्टिक होता है और यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इसके दूध में प्रोटीन और फैट की मात्रा अधिक होती है, इसी कारण इसका दूध बाजार में अन्य नस्लों की तुलना में महंगा बिकता है।

साहिवाल गाय की पहचान कैसे करें?

रंग आमतौर पर लाल-भूरा, शरीर मध्यम आकार का

छोटी टांगे, चौड़ा सिर और कुछ में सफेद धब्बे

सींग छोटे और मजबूत होते हैं

गर्दन के नीचे लटकती मोटी चमड़ी, पतली पूंछ

नर गाय (बैल) में बड़ा कूबड़ होता है, जिसकी ऊंचाई लगभग 136 सेमी

मादा की ऊंचाई करीब 120 सेमी, वजन 400-500 किलो

नर का वजन 450-500 किलो तक हो सकता है


साहिवाल गाय की खासियत

यह नस्ल 10 से 12 महीने तक दूध देती है

पहली बार 32 से 36 महीने में बछड़े को जन्म देती है

गर्मी सहन करने की क्षमता ज्यादा होती है, इसलिए गर्म इलाकों में भी आसानी से पाली जा सकती है

रोगों से लड़ने की क्षमता बेहतर होती है

देसी नस्ल होने के कारण रख-रखाव आसान होता है और ज्यादा खर्च भी नहीं आता


किन बीमारियों से हो सकती है प्रभावित?

साहिवाल गाय में सामान्य तौर पर ये रोग देखे जा सकते हैं:

पाचन संबंधी समस्या: बदहजमी, कब्ज, अफारा, खूनी दस्त, पीलिया

संक्रमण जनित रोग: मुंह-खुर, थनैला, निमोनिया, डायरिया, दाद, पैरों का गलना

गंभीर रोग: एंथ्रैक्स (तिल्ली रोग), एनाप्लाज्मोसिस, अनीमिया आदि


साहिवाल गाय की कीमत

इस नस्ल की कीमत दूध उत्पादन की क्षमता और उम्र पर निर्भर करती है। भारत के अलग-अलग राज्यों में इसकी कीमत लगभग ₹40,000 से ₹1,00,000 के बीच होती है। कुछ इलाकों में यह कीमत इससे कम या ज्यादा भी हो सकती है।

इन 6 जिलों की महिलाओं को मिलेगी साहिवाल गाय

छत्तीसगढ़ सरकार ने जशपुर, बलरामपुर, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिलों में एक नई पहल की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 325 अनुसूचित जनजाति परिवारों की महिलाओं को साहिवाल नस्ल की 650 दुधारू गायें प्रदान की जाएंगी। बता दें, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जून के पहले सप्ताह में कोंडागांव जिले के भोंगापाल गांव से दुधारू पशु प्रदाय योजना का शुभारंभ किया था।

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हुई शुरुआत

यह योजना राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित के माध्यम से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की जा रही है। यदि इस प्रयोग में सफलता मिलती है तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। योजना का मकसद आदिवासी इलाकों में डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देना, महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना और उनके आर्थिक-सामाजिक विकास को मजबूती देना है।

वर्तमान में छत्तीसगढ़ में रोजाना लगभग 58 लाख किलोग्राम दूध का उत्पादन होता है, और इस योजना से इसमें और वृद्धि होने की उम्मीद है।

गाय खरीदने पर अनुदान और लोन की व्यवस्था

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के अनुसार, एक साहिवाल गाय की कीमत लगभग 75 हजार रुपये होती है। इसमें से:

50% राशि सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दी जाएगी

40% राशि बैंक लोन के रूप में मिलेगी

10% हिस्सा लाभार्थी को खुद जमा करना होगा


हर लाभार्थी परिवार को दो गायें दी जाएंगी और उन्हें गाय पालने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

योजना का क्रियान्वयन शुरू

NDDB के छत्तीसगढ़ प्रभारी साइकत सामंता के अनुसार, हितग्राही को पहले एक गाय दी जाएगी और तीन महीने बाद दूसरी गाय दी जाएगी। इसके लिए आवश्यक अनुदान भी दिया जाएगा और पूरी प्रक्रिया योजना के तहत सुनिश्चित की जाएगी।

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