बिट्टू सिंह राजपूत ,सूरजपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘महतारी सदन’ का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है, लेकिन सूरजपुर जिले के भैयाथान जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत डुमरिया में इस योजना की गंभीर अनदेखी और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आ रहे हैं। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग (RES) द्वारा 25 लाख रुपये की लागत से बन रहा महतारी सदन भवन निर्माण पूरा होने से पहले ही दरकने लगा है।


महिलाओं के सशक्तिकरण के नाम पर शुरू की गई योजना यदि भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ेगी, तो यह न केवल सरकारी धन की बर्बादी है बल्कि ग्रामीण महिलाओं के भरोसे और उम्मीदों के साथ भी धोखा है। जिला प्रशासन और सरकार को इस प्रकरण को गंभीरता से लेकर निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
घटिया सामग्री, दीवारें दरकने लगीं

ग्रामीणों ने निर्माण कार्य को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि भवन में घटिया क्वालिटी की फ्लाई ऐश ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। छत की ढलाई भी मानकों की अनदेखी कर की गई है, जिससे इसकी मजबूती पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं भवन में महिलाओं के बैठने के लिए बनाए गए छज्जे भी टूटने लगे हैं।
“भाजपा नेता से रिश्तेदारी” बताकर डराते हैं ठेकेदार!
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी कोई निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाता है, तो ठेकेदार द्वारा खुद को भाजपा के बड़े नेता का रिश्तेदार बताकर दबाव बनाया जाता है। ठेकेदार कहता है कि “ऊपर तक पहुंच है, शिकायत से कुछ नहीं होगा।

मंत्री के क्षेत्र में ही लापरवाही, तो बाकी जगह क्या हाल होगा?
डुमरिया ग्राम पंचायत राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में आता है। ऐसे में ग्रामीणों का सवाल है कि जब मंत्री के अपने क्षेत्र में ही इस तरह की लापरवाही हो रही है, तो बाकी प्रदेश में इस योजना की स्थिति क्या होगी? ग्रामीणों ने भवन निर्माण की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सरपंच बोले – अधिकारियों को बताया, कार्रवाई नहीं
ग्राम पंचायत डुमरिया के सरपंच वरुण मरावी ने कहा, “निर्माण शुरू से ही गुणवत्ता विहीन है। मैंने भैयाथान के एसडीओ और इंजीनियर को इसकी जानकारी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। ठेकेदार मनमर्जी से काम कर रहा है। अगर सुधार नहीं होता है प्रदेश के महिला बाल विकास मंत्री से शिकायत भी करूंगा।
SDO बोले – “बड़े अधिकारी से बात कीजिए”
जब इस विषय में भैयाथान के एसडीओ श्री ताम्रकार से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, इस मामले में वरिष्ठ अधिकारी से बात करें।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब निर्माण कार्य एसडीओ और इंजीनियर की निगरानी में हो रहा है, तो जवाबदेही से पल्ला झाड़ना और जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारी पर डालना कितना जायज़ है?