बिहार चुनाव परिणाम 2025: महागठबंधन की करारी हार, सीटों में पीछे लेकिन वोट प्रतिशत में आरजेडी नंबर वन

पटना बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल दिए हैं। तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन की करारी हार हुई है। धुर विरोधी दलों को साथ लाकर बड़ी उम्मीदों के साथ बनाया गया महागठबंधन सीटों के लिहाज से बुरी तरह पिछड़ गया। हालांकि एक दिलचस्प आंकड़ा यह है कि आरजेडी वोट प्रतिशत के मामले में सबसे आगे है और बीजेपी दूसरे नंबर पर।

कांग्रेस को 61 सीट देना बना महागठबंधन की सबसे बड़ी गलती

आरजेडी ने मुस्लिम-यादव समीकरण के साथ जातीय संतुलन को साधने की कोशिश की, लेकिन रणनीति भारी चूक साबित हुई। लालू प्रसाद यादव कई बार कांग्रेस को अधिक सीट देने से सावधान करते रहे थे, लेकिन इस बार भी तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को 61 सीटें देकर वही गलती दोहरा दी।
पिछले चुनाव में 70 सीटें मिलने के बाद कांग्रेस केवल 19 सीटें जीत पाई थी। इस बार कांग्रेस और नीचे चली गई तथा मुश्किल से 1 सीट पर बढ़त हासिल करती दिख रही है। यही सीट-वितरण महागठबंधन के लिए भारी साबित हुआ।

किसे कितनी सीटें मिल रही हैं

चुनाव आयोग के रुझानों के मुताबिक—

  • बीजेपी – 96 सीटें
  • जदयू – 84 सीटें
  • आरजेडी – 24 सीटें
  • लोजपा – 19 सीटें
  • कांग्रेस – 1 सीट

सीटों के आधार पर महागठबंधन को सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस की वजह से हुआ, क्योंकि उसे मिली 61 सीटों में वह केवल 1 पर ही बढ़त बना सकी।

वोट प्रतिशत में आरजेडी सबसे आगे

भले ही सीटों में बीजेपी आगे है, लेकिन वोट शेयर में तस्वीर उलटी है..

  • आरजेडी – 22.86%
  • बीजेपी – 20.39%
  • जदयू – 19.03%
  • कांग्रेस – 8.78%

यह आंकड़े बताते हैं कि आरजेडी का वोट बैंक अभी भी मजबूत रहा, लेकिन सीटों में उसका रूपांतरण नहीं हो पाया।

ऐतिहासिक रिकॉर्ड टूटा

2010 में जदयू ने 115 और बीजेपी ने 91 सीटें जीती थीं।
इस बार एनडीए संयुक्त रूप से 206 सीटों तक पहुंचता दिख रहा है, जो एक नया रिकॉर्ड है। वहीं, पूरे महागठबंधन को मिलकर मात्र 31 सीटें मिलती नजर आ रही हैं।

कांग्रेस पर भरोसा तेजस्वी को पड़ा भारी

विश्लेषकों का कहना है कि बिहार में कांग्रेस का जनाधार लगभग समाप्त हो चुका है। वह अब “परजीवी भूमिका” में दिखाई देती है और अपने बलबूते वोट जुटाने में असमर्थ है। 2020 में 70 सीटों पर लड़कर 19 ही जीत पाई थी। इस बार 61 सीटों पर उतरी और सिर्फ 1 पर ही टिक पाई।
तेजस्वी यादव का कांग्रेस पर बड़ा दांव उलटा पड़ गया।

महिलाओं ने किया रिकॉर्ड मतदान, जंगलराज की वापसी से किया इनकार

इस चुनाव में महिलाओं ने पुरुषों से 10% अधिक मतदान कर इतिहास रच दिया।

  • महिलाओं का मतदान प्रतिशत – 71.6%
  • पुरुषों का मतदान प्रतिशत – 62.8%
    कुल मिलाकर 4,34,000 अधिक महिलाओं ने वोट डाला।

नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं को सीधे आर्थिक सहायता (10,000 रुपये), जीविका समूहों का विस्तार और शराबबंदी जैसे फैसलों ने महिला मतदाताओं को एनडीए के पक्ष में मजबूत किया।

वहीं, आरजेडी के “जंगलराज” की यादों ने भी महिलाओं का रुझान महागठबंधन से दूर कर दिया।

नतीजा यह कि सीट-वितरण की गलत रणनीति और कांग्रेस पर अत्यधिक निर्भरता महागठबंधन पर भारी पड़ गई, जबकि एनडीए ने महिला वोटरों के सहारे ऐतिहासिक जीत की तरफ कदम बढ़ा दिया।

नोट: ये खबर शाम 6:02 बजे तक के रुझानों के आधार पर हैं। यह खबर शाम 6:02 बजे पब्लिश की गई है। अंतिम आंकड़े बदल सकते हैं।

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