बिट्टू सिहं राजपूत , सूरजपुर । नगर पंचायत जरही में आगामी चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं, लेकिन इस बार बागी उम्मीदवारों ने चुनावी समीकरण को खासा प्रभावित कर दिया है।
भाजपा के अधिक बागी, कांग्रेस ने बदले प्रत्याशी
नगर पंचायत के 15 वार्डों में से 7 वार्डों में भाजपा के बागी उम्मीदवारों ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के सामने कड़ी चुनौती पेश की है। भाजपा के करीब 10 से अधिक बागी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। उधर, कांग्रेस ने नामांकन वापसी के अंतिम दिन दो घोषित प्रत्याशियों का टिकट बदलकर अन्य उम्मीदवारों को मौका दिया, जिससे कई वार्डों में समीकरण बदल गए हैं।
निर्दलीय प्रत्याशी भी दे रहे कड़ी टक्कर
चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी भी मजबूत स्थिति में हैं। 15 में से 9 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवारों की स्थिति इतनी मजबूत है कि वे भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। वार्ड 1,2, 3, 5, 9, 10, 12, 13 और 15 में निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा-कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ रहे हैं। केवल 6 वार्डों में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी।
भाजपा और कांग्रेस ने निर्दलीयों को मनाने की कोशिश की
नाम वापसी के आखिरी दिन भाजपा और कांग्रेस ने निर्दलीय प्रत्याशियों को मनाने की पूरी कोशिश की। हालांकि, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही केवल एक-एक निर्दलीय प्रत्याशी को ही नाम वापस लेने के लिए राजी कर पाए।
अध्यक्ष पद: भाजपा-कांग्रेस के अलावा दो बागी मैदान में
अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस ने युवा उम्मीदवार प्रेम राजवाड़े को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने वरिष्ठ नेता अधिवक्ता पुरन राम राजवाड़े पर भरोसा जताया है। लेकिन चुनाव को और दिलचस्प बनाते हुए भाजपा से बागी बिमला राजवाड़े और भगवती प्रताप चंद्रा ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी है। कांग्रेस से बागी अभय विश्वकर्मा भी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे मुकाबला और कड़ा हो गया है।
अध्यक्ष प्रत्याशी के पति भी पार्षद चुनाव में निर्दलीय
वार्ड 2 में भाजपा से बागी बिमला राजवाड़े के पति देवा राम राजवाड़े भी निर्दलीय पार्षद प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। दिलचस्प बात यह है कि देवा राम राजवाड़े भाजपा विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते के करीबी माने जाते हैं, ऐसे में उनका बागी होना चर्चा का विषय बना हुआ है। 2019 में भाजपा ने बिमला राजवाड़े को पार्षद का टिकट दिया था और वे चुनाव जीतकर कार्यवाहक अध्यक्ष बनी थीं। उनके पति देवा राम राजवाड़े उस समय भी निर्दलीय चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे।
इसी तरह, अध्यक्ष पद के निर्दलीय प्रत्याशी भगवती प्रताप चंद्रा के पति डॉ. प्रताप नारायण सिंह भी वार्ड 10 से निर्दलीय पार्षद प्रत्याशी हैं, जिससे मुकाबला और रोचक हो गया है।
नगर पंचायत जरही का चुनाव इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। बागी प्रत्याशी और निर्दलीय उम्मीदवारों की मजबूत उपस्थिति के चलते किसी भी पार्टी के लिए आसान जीत की संभावना नहीं दिख रही है। ऐसे में यह चुनाव स्थानीय राजनीति का बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।