हाथोर समाचार ,अंबिकापुर। सरगुजा जिले के उदयपुर तहसील अंतर्गत ग्राम भकुरमा में वन विभाग की 24 एकड़ शासकीय भूमि को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निजी व्यक्तियों को बेचे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस भूमि पर 295 जीवित वृक्ष मौजूद हैं, लेकिन विक्रय दस्तावेजों में इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया।

पूर्व वन विभाग एसडीओ एस.एन. मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से कूट रचित दस्तावेज तैयार कर राजकुमारी पति राम नारायण एवं अन्य व्यक्तियों के नाम से यह भूमि अजीत कुमार यादव, अभिषेक मिश्रा, सुरेशनाथ मिश्रा और मीना मिश्रा को विक्रय कराई।
मामले की शिकायत अधिवक्ता डी.के. सोनी ने कलेक्टर सरगुजा को की थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने जांच का दायित्व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीओ) उदयपुर को सौंपा। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि खसरा नंबर 713/2, 714, 715, 716, 26/7 व 26/5 की कुल 9.4 हेक्टेयर भूमि सरगुजा स्टेट सेटलमेंट रिकॉर्ड में मौजूद नहीं है और ये भूमि वास्तव में शासकीय फॉरेस्ट लैंड है।
एसडीओ की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि तत्कालीन पटवारी नीरज वर्मा द्वारा संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। किसी भी पक्षकार के पास पट्टा दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। रिपोर्ट में यह स्पष्ट उल्लेख है कि रिकॉर्ड में कूट रचना कर सरकारी जमीन का निजी विक्रय दर्शाया गया, जिससे शासन को आर्थिक क्षति हुई है।
एसडीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में तत्कालीन पटवारी नीरज वर्मा, विक्रेता राजकुमारी, अजीत कुमार यादव, तथा खरीदार अभिषेक मिश्रा, सुरेशनाथ मिश्रा और मीना मिश्रा के विरुद्ध सम्यक धाराओं में प्राथमिकी दर्ज किए जाने की अनुशंसा की है।
अब यह देखना अहम होगा कि कलेक्टर सरगुजा इस गंभीर मामले में एफआईआर दर्ज कराते हैं या नहीं। मामला शासन की बहुमूल्य वन भूमि की रक्षा और प्रशासनिक जिम्मेदारी से जुड़ा हुआ है।