Chaitra Navratri : इस नवरात्रि बरसेगी माता रानी की  कृपा, आज से शुरू चैत्र नवरात्रि, करे इन नियमों का पालन

Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि में नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत आज यानि 30 मार्च से हो चुकी है। इस बार माता हाथी पर सवार होकर आएंगी, जिसे शुभ संकेत माना जाता है। नवरात्रि में 6 अप्रैल तक माता के नौ रूपों की पूजा की जाएगी और 7 अप्रैल को नवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा।

इस दौरान व्रत और पूजा करने के कुछ विशेष नियम और विधियाँ होती हैं। आज हम आपको बताएंगे कि किन नियमों का पालन आपको नवरात्रि के दौरान करना चाहिए। व्रत और आहार से जुड़े नियमजो लोग व्रत नहीं रख रहे हैं उन्हें भी इस दौरान तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए।

वहीं व्रत रखने वाले व्यक्ति फलाहार कर सकते हैं।लहसुन, प्याज जैसी तामसिक भोज्य पदार्थों की नवरात्रि में सख्त मनाही होती है।व्रत रखने वाले लोग केवल फल, दूध, सिंघाड़ा आटा, साबुदाना, मखाना और कुट्टू आटे का सेवन कर सकते हैं।नमक खाना आवश्यक हो तो सेंधा नमक का ही उपयोग करें।

अनाज और नमक का सेवन अष्टमी/नवमी तिथि को कन्या पूजन के बाद ही आपको करना चाहिए।इन चीजों का करें परहेजव्रतधारी को ब्रह्मचर्य का पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए। किसी भी तरह के बुरे विचार मन में न आएं इसके लिए धार्मिक पुस्तकें आप पढ़ सकते हैं। क्रोध, अहंकार, किसी की निंदा और झूठ बोलने से भी नवरात्रि के दौारन बचें।

चैत्र नवरात्रि के दौरान बाल कटवाना, नाखून काटना और शेविंग करना वर्जित होता है।नवरात्रि के दौरान घर की साफ-सफाई और शुद्धता का विशेष ध्यान आपको रखना चाहिए, चाहे आप व्रत रखें या न रखें।इन बातों का रखें ख्यालनवरात्रि में आपको रात को जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना चाहिए।

पूजा के प्रसाद और जल को किसी भी अशुद्ध स्थान पर न रखें।व्रतधारी को पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ व्रत का पालन करना चाहिए।अगर पूरे परिवार के साथ पूजा करेंगे तो इसे बेहद शुभ माना जाता है।नवरात्रि पूजननवरात्रि में प्रतिदिन आपको माता दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा करनी चाहिए।

माता रानी को फूल, फूल, भोग दिन के अनुसार अर्पित करना चाहिए। श्री दुर्गा सप्तशती, श्री दुर्गा चालीसा और देवी माहत्म्य का पाठ आपको नवरात्रि के दौरान कर सकते हैं।

आपको बता दें कि इस साल 31 मार्च को तृतीया तिथि के क्षय होने के कारण ब्रह्माचारिणी और माता चंद्रघंटा की पूजा एक ही दिन होगी।  यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

खबरें और भी हैं...

फॉलो करें

64,000FansLike
47FollowersFollow
5,480SubscribersSubscribe

ट्रेंडिंग

WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें