बिट्टू सिहं राजपूत,सरगुजा। हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता है. यह ईसाई धर्म के अनुयायियों का प्रमुख त्योहार है, जिसे पूरी दुनिया में धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. इसकी तैयारी 1 महीने पहले से शुरू हो जाती है. घर और गिरजाघरों को लाइट और क्रिसमस ट्री और बेल से सजाना शुरू कर देते हैं. इस दिन लोग घर में केक बनाते हैं और अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों और मित्रों को खिलाकर उन्हें क्रिसमस की बधाई देते हैं. छत्तीसगढ़ के सरगुजा में भी प्रभु यीशु के जन्म का महापर्व क्रिसमस धूमधाम से मनाया जा रहा है । सरगुजा जिले में मसीहीजनों के द्वारा परंपरागत ढंग से विविध धार्मिक अनुष्ठानों के साथ धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर चर्च, गिरजाघरों में देर रात तक मसीहीजन उल्लास में डूबे नजर आए ।

संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के नवापारा स्थित महागिरजाघर में विशप डॉ. अंतोनिस बड़ा के सानिध्य में अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। महागिरजाघर में समाज को संदेश देते हुए बिशप डॉ अंतोनिस बड़ा ने कहा कि बालक यीशु का जन्म गौशाले में हुआ था। उन्होंने कहा कि जाति धर्म व संस्कृतियों के बीच कोई भेदभाव न हो आपसी भाईचारा मेल-मिलाप हो। वर्तमान में समाज में असहिष्णुता, झूठ, फरेब है। हमें इसे दूर करते हुए सहिष्णुता के साथ आपसी संबंध बढ़ाना चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रेम व सेवा भाव के लिये हमें प्रभु यीशु मसीह के संदेशों का अनुशरण करना चाहिये। वहीं लुंड्रा से भाजपा विधायक प्रबोध मिंज भी महागिरजाघर में प्रार्थना करने पहुंचे हुए थे। इस दौरान क्षेत्र की जनता और मसीह समाज के लोगो को क्रिसमस की बधाई देते हुए नए वर्ष की बधाई एवं शुभकामनाए दी है।