दैनिक हाथोर समाचार, जरही/भटगांव।
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखंड अंतर्गत नगर पंचायत जरही में आयोजित संकुल स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में इस बार शिक्षा कम और राजनीति अधिक हावी रही। सांस्कृतिक भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते उपस्थित थीं, लेकिन कार्यक्रम की व्यवस्था और मंच संचालन को लेकर कुछ जनप्रतिनिधियों में नाराजगी देखीं गई।

कार्यक्रम में आत्मानंद हायर सेकेंडरी स्कूल के शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष विकेश जायसवाल को मंच पर स्थान न देकर पूरी तरह नजरअंदाज किया गया, जिससे नाराज होकर वे दर्शक दीर्घा में नीचे लगी कुर्सियों पर बैठ गए। उन्होंने मंच से दूरी बनाकर कार्यक्रम का प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया।
सूत्रों की मानें तो संकुल के शिक्षकों द्वारा स्थानीय नेताओं को मंच पर प्राथमिकता देने और शाला समिति के प्रतिनिधियों की उपेक्षा करने की परंपरा बन चुकी है। यही नहीं, स्कूल के लिए सांसद द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि हरेंद्र सिंह को भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया और उनकी उपेक्षा की गई, जिससे शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
कार्यक्रम से पहले जारी आमंत्रण पत्र को लेकर भी विवाद हो चुका था, लेकिन संकुल स्तर पर शिक्षक वर्ग ने न तो स्थिति को संभाला और न ही संवाद स्थापित किया। उल्टा, मंच को राजनीतिक वर्चस्व का केंद्र बना दिया गया।
स्थानीय लोग और अभिभावक अब यह सवाल उठा रहे हैं कि जब शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों को ही मंच से दूर रखा जाएगा, तो ऐसे आयोजनों का उद्देश्य क्या है? चर्चा जोरों पर है कि शिक्षा के पावन पर्व को व्यक्तिगत वर्चस्व की लड़ाई का मंच बना दिया गया।