खाद की कमी और कालाबाजारी के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल , बनारस रोड पर सांकेतिक चक्काजाम

दैनिक हाथोर समाचार,अम्बिकापुर। खरीफ सीजन में खाद की भारी कमी, कालाबाजारी, एग्री स्टेट पंजीकरण में लापरवाही और फसल बीमा में मनमानी के खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी सरगुजा ने शुक्रवार को ग्राम डिगमा में जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। जिला अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक के नेतृत्व में बनारस रोड पर सांकेतिक चक्काजाम कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। कांग्रेस ने सात सूत्रीय मांगों के साथ मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। किसानों की नाराजगी का मुख्य कारण यूरिया और डीएपी खाद की कमी बताई गई।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने रूस-यूक्रेन युद्ध का हवाला देकर डीएपी का आयात नहीं किया, जबकि देश में पर्याप्त उत्पादन के बावजूद प्रशासनिक लापरवाही से यूरिया की कमी बनी हुई है। 266 रुपये की बोरी यूरिया कालाबाजार में 800 रुपये तक बिक रही है। सांकेतिक चक्काजाम से कुछ देर आवागमन बाधित हुआ, लेकिन कांग्रेस ने इसे जनहित में प्रतीकात्मक रखा।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा, “जैसे शिशु को समय पर दूध चाहिए, वैसे ही फसलों को खाद की जरूरत है। सरकार की नाकामी से अच्छी बारिश के बावजूद किसानों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है।” पीसीसी उपाध्यक्ष जेपी श्रीवास्तव ने भाजपा सरकार पर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया। निगम में नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने कहा कि सरकार जानबूझकर खाद की कमी पैदा कर धान खरीदी का बोझ कम करना चाहती है। पीसीसी महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा ने भी डीएपी आयात को लेकर केंद्र पर सवाल उठाए।

पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि बिना प्रचार-प्रसार के योजना लागू की गई, जिससे किसान पंजीकरण नहीं कर पा रहे। उन्होंने वन अधिकार पट्टा धारक किसानों को भी इसमें शामिल करने की मांग की।

पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देश पर यह आंदोलन हुआ। 26 अगस्त को प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन संतोषजनक कार्रवाई न होने पर प्रदर्शन किया गया।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्री पाठक ने ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो कांग्रेस सड़कों पर उग्र आंदोलन करेगी।

इस मौके पर विनय शर्मा, इंद्रजीत सिंह धंजल, रामविनय सिंह, जगन्नाथ कुशवाहा, मुनेश्वर राजवाड़े, नारद गुप्ता, अनिल सिंह, शैलेंद्र सोनी, अनूप मेहता, जमील खान, लोकेश कुमार, विकल झा, प्रीति सिंह, आशीष शील, विक्रम सोनपाकर, संजय सिंह, वेदप्रकाश शर्मा, पापिन्दर सिंह, मेराज रंगरेज, जीवन यादव, चंद्रप्रकाश सिंह, रजनीश सिंह, नीतीश चौरसिया, सतीश बारी, विनय गुप्ता, विकास केशरी, प्रभात रंजन सिन्हा, प्रमोद चौधरी, उत्तम राजवाड़े, अविनाश कुमार, रामू घोष, दिलीप धर, विकास शर्मा, अमितेज सिंह, अमित सिंह, रोशन कन्नौजिया, विवेक पैकरा, जयंत राजवाड़े, मो. आतिफ, पारस राजवाड़े, सरिता महंत, सुरेंद्र गुप्ता, नेहा तिवारी, रंजना देवी, अनिता सिन्हा, संगीता मिंज, शकुंतला राजवाड़े समेत सैकड़ों कार्यकर्ता व किसान शामिल हुए।

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