शक्कर कारखाने पर संकट : अवैध गुड़ फैक्ट्री बन रहा है वजह ,प्रशासन मौन

हाथोर समाचार ,सूरजपुर। एक तरफ जहां मां महामाया शक्कर कारखाना निजीकरण के कगार पर पहुंच चुका है, वहीं दूसरी ओर अवैध खांडसारी गुड़ फैक्ट्रियों का कारोबार जिले में धड़ल्ले से चल रहा है। इस गोरखधंधे में प्रशासन की मिलीभगत से हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।

गन्ना शक्कर कारखाने की जगह अवैध फैक्ट्रियों में पहुंच रहा!

सूरजपुर जिले के विभिन्न इलाकों में अवैध रूप से खंडसारी गुड़ फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं। किसान अपने गन्ने को शक्कर कारखाने में भेजने के बजाय इन अवैध फैक्ट्रियों में बेच रहे हैं। प्रशासन को इस अवैध कारोबार की जानकारी होने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। सूत्रों के अनुसार, स्थानीय नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से इस गोरखधंधे को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे सरकार को हजारों करोड़ का राजस्व नुकसान उठाना पड़ रहा है।

शक्कर कारखाने को हो रहा भारी नुकसान

सरगुजा संभाग का मां महामाया शक्कर कारखाना जो कभी अपनी बेहतरीन शक्कर और मिठास के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध था, आज घाटे की मार झेल रहा है। गन्ने की सही मात्रा में आपूर्ति न होने से उत्पादन औसत से भी कम हो गया है। गन्ने का रकबा अधिक होने के बावजूद भी अवैध गुड़ फैक्ट्रियों के चलते शक्कर कारखाना अपनी पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर पा रहा है।

प्रतापपुर विकासखंड के पंछी दाढ़,तुलसी,मोहनपुर,बोझा, चाची,दुप्पी गोटगावा,सीधमा, कल्याणपुर, सिलौटा, सहित 50 स्थान पर अलग-अलग जगह में अधिकारियों के मिली भगत से लाखों रुपए का लेनदेन कर अवैध रूप से खंड सरी उद्योग चलाया जा रहा है। यह उद्योग इतना बड़ा है कि देखने वाले टांग रह जाएंगे हजारों ट्रैक्टर माल एक-एक उद्योग में खाप रहा है और हजारों कुंतल गुड तैयारहोकर अन्य राज्यों में खपाया जा रहा है। यह बात तो सिद्ध है कि इतना बड़ा गोरख धंधा करोड़ों रुपए के साथ घाट के बिना संभव नहीं है जहां कलेक्टर का आदेश वी छत्तीसगढ़ सरकार के तमाम दावे फेल होती दिखाई दे रही हैं साफ तौर पर दिखाई देता है कि इस तरह के कारनामा कर गन्ना फैक्ट्री को किस तरह से नुकसान पहुंचाने की साजिश की जा रही है।

अवैध कारोबार को बढ़ावा देने में प्रशासन का हाथ?

कलेक्टर के आदेशों की अनदेखी कर प्रशासनिक अधिकारी और संबंधित विभाग के लोग मोटी रकम लेकर इस गोरखधंधे को बढ़ावा दे रहे हैं। महीनों से यह अवैध कारोबार जारी है, लेकिन अधिकारियों की आंखें बंद हैं। कहा जा रहा है कि हर महीने लाखों रुपए का लेनदेन और कमीशनखोरी इस कारोबार को फलने-फूलने में मदद कर रही है।

प्रशासन का मिली भगत या होगी कार्यवाही– होगी कार्रवाई

इस मामले पर मां महामाया शक्कर कारखाना के एमडी आकाशदीप पात्रो ने कहा कि,
“इस विषय में हमने कई बार अधिकारियों को जानकारी दी है। अब अवैध गुड़ कारोबारियों पर छापेमारी कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम जल्द ही कलेक्टर सूरजपुर से मिलकर टीम गठित करने की अनुशंसा करेंगे।”

वहीं, एसडीएम ललिता भगत ने कहा कि,
“जिले में अवैध खांडसारी फैक्ट्रियों के खिलाफ टीम गठित कर छापा मारा जाएगा। प्रतिबंधित क्षेत्र में संचालित इन फैक्ट्रियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”

अब सवाल यह है कि कार्रवाई कब होगी?

प्रशासन ने भले ही छापेमारी का आश्वासन दिया हो, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। अब देखना होगा कि क्या यह केवल बयानबाजी तक सीमित रहेगा या फिर अवैध कारोबार पर वास्तव में सख्ती की जाएगी!

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