बिट्टू सिहं राजपूत ,सूरजपुर। अंबिकापुर-बनारस मुख्य मार्ग पर तेजी से खुलते ढ़ाबों की आड़ में अब अवैध कारोबार भी पनपने लगा है। जिले के प्रतापपुर थाना अंतर्गत दूरती गांव स्थित एक ढ़ाबा में डीजल चोरी का खुलासा हुआ है, जहां खाने-पीने की चीजों की बजाय भारी मात्रा में सस्ता डीजल बेचा जा रहा है। बताया जा रहा है कि ढ़ाबे के पीछे रोज दर्जनों डीजल टैंकर खड़े होकर चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं।

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ की विभिन्न फैक्ट्रियों में पहुंचने वाले टैंकर यहां रुकते हैं और यादव ढ़ाबा के पीछे सुरक्षित स्थान पर खड़े होकर डीजल उतारते हैं। यह डीजल बाजार मूल्य से करीब 10-15 रुपये प्रति लीटर सस्ता बेचा जाता है।
कैमिकल से छिपाते हैं चोरी का सबूत
स्थानीय सूत्रों की मानें तो टैंकर चालक चोरी के बाद टैंकर में एक विशेष कैमिकल मिलाते हैं, जिससे फैक्ट्रियों में माप के दौरान डीजल की मात्रा सामान्य ही पाई जाती है। यही कारण है कि यह खेल वर्षों से चल रहा है और कोई सबूत हाथ नहीं लग पाता।
स्थानीय पेट्रोल पंप और सरकार को नुकसान
इस अवैध कारोबार से न केवल छत्तीसगढ़ सरकार के राजस्व को बड़ा नुकसान हो रहा है, बल्कि आसपास के पेट्रोल पंप संचालक भी इससे परेशान हैं। सस्ते दर पर बेचे जा रहे डीजल के कारण उन्हें ग्राहकों की भारी कमी झेलनी पड़ रही है।
पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह सबकुछ स्थानीय पुलिस की जानकारी में हो रहा है। सूत्रों के अनुसार डीजल माफिया पुलिस को कमीशन देकर इस अवैध धंधे को बेरोकटोक चला रहे हैं। कार्रवाई न होने से माफियाओं के हौसले और बुलंद होते जा रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और पुलिस विभाग इस मामले में क्या ठोस कदम उठाते हैं। क्या ढ़ाबों की आड़ में फल-फूल रहे इस संगठित डीजल माफिया नेटवर्क पर लगाम लगेगी या सबकुछ पहले की तरह चलता रहेगा?