बिट्टू सिहं राजपूत ,सूरजपुर। प्रतापपुर नगर पंचायत के मंगल भवन में आयोजित खंड स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम उस वक्त विवादों में आ गया जब जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणि देवपाल पैकरा और जिला पंचायत सदस्य लवकेश पैकरा ने मंच पर स्थान न मिलने और नाम आमंत्रण पत्र में नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की। कार्यक्रम के दौरान दोनों जनप्रतिनिधि मंच पर न बैठकर नीचे बैठे और अधिकारियों के मनमाने रवैये का विरोध किया।

जानकारी के अनुसार, आमंत्रण पत्र में जिला पंचायत सदस्य लवकेश पैकरा का नाम तक शामिल नहीं किया गया था। इसको लेकर दोनों जनप्रतिनिधियों ने आयोजन में गंभीर लापरवाही और प्रोटोकॉल उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने मंच पर बोलते हुए कहा कि “जनप्रतिनिधियों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारी और कर्मचारी अगर गुटबाजी करते हैं या प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कोई राजनीतिक अखाड़ा नहीं है, जहां अफसर अपनी मर्जी चलाएं।”
विरोध के बाद बीईओ और अन्य अधिकारियों ने मान-मनौव्वल कर स्थिति को संभालने का प्रयास किया। लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष ने सख्त लहजे में अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे प्रोटोकॉल का पालन करना और जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना सीखें।
यह पहला मौका नहीं है जब प्रतापपुर जनपद में जनप्रतिनिधियों के साथ इस तरह की अनदेखी हुई हो। इससे पहले चंदौरा में एक सड़क भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान भी जिला पंचायत सदस्य को आमंत्रित नहीं किया गया था, और उनका नाम-पद बैनर अथवा आमंत्रण पत्र से गायब था।
गौरतलब है कि प्रतापपुर क्षेत्र, पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा का क्षेत्र रहा है और वर्तमान जिला पंचायत सदस्य लवकेश पैकरा उनके पुत्र हैं। आरोप है कि वर्तमान क्षेत्रीय विधायक के इशारे पर अधिकारियों द्वारा एक खास खेमा बनाकर अन्य जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रमों से दूर रखा जा रहा है।
आज के घटनाक्रम ने यह साफ कर दिया है कि प्रतापपुर क्षेत्र में अधिकारी या तो दबाव में काम कर रहे हैं या उन्हें शासन के प्रोटोकॉल की जानकारी ही नहीं है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल जनप्रतिनिधियों का अपमान है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की भी अवहेलना है।