प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना ने देश के करोड़ों किसानों को नई ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर किया है। छत्तीसगढ़ जैसे कृषि प्रधान राज्य में यह योजना किसानों के जीवन को न केवल आर्थिक स्थिरता दे रही है, बल्कि उन्हें आधुनिक तकनीकों के साथ जुड़ने का भी अवसर प्रदान कर रही है।

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के ग्राम सागरपुर निवासी कृषक श्री सुसेन मण्डल की कहानी इस बात का प्रमाण है कि जब योजनाएं ज़मीन पर ईमानदारी से उतरती हैं, तो उसका असर व्यापक और दूरगामी होता है। श्री मण्डल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के शुरुआत से ही लाभार्थी रहे हैं। हाल ही में उन्हें इस योजना की 20वीं किस्त के तहत 2,000 रुपये की राशि प्राप्त हुई, जिसे उन्होंने खेती के लिए खाद, बीज और मजदूरी के भुगतान में उपयोग किया।
योजना ने दी खेती को रफ्तार और भरोसा
श्री मण्डल कहते हैं, “सरकार की इस सहायता ने मुझे खेती के प्रति निरंतरता और उत्साह दिया है। जहां पहले संसाधनों की कमी के कारण काम रुक जाता था, अब हर किस्त से समय पर बीज, खाद और मजदूर की व्यवस्था संभव हो जाती है।
कृषि कार्यों में अब वे परंपरागत तरीकों के साथ-साथ नए प्रयोग भी कर रहे हैं, जैसे उन्नत बीजों का चयन, जैविक खाद का प्रयोग और फसल विविधता पर ध्यान देना। यह बदलाव केवल आर्थिक सहायता की वजह से संभव हो सका है, जिससे किसानों का आत्मविश्वास लगातार बढ़ रहा है।
योजना का उद्देश्य और संचालन प्रणाली
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का शुभारंभ 2019 में किसानों को आर्थिक संबल देने के उद्देश्य से किया गया था। इसके अंतर्गत पात्र किसानों को हर वर्ष 6,000 रुपये की राशि तीन समान किश्तों में सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। इस योजना का लक्ष्य किसानों को खेती के लिए आवश्यक निवेश में मदद करना है ताकि वे समय पर बीज, खाद, सिंचाई व अन्य संसाधनों की व्यवस्था कर सकें।
छत्तीसगढ़ में अब तक लाखों किसान इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं। राज्य सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, त्वरित पहचान और लाभ की सीधी ट्रांसफर प्रणाली सुनिश्चित की है। यह डिजिटल भारत की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल भी है।
किसानों की बदलती सोच और बढ़ता आत्मबल
जहां पहले किसान केवल परंपरागत खेती पर निर्भर रहते थे, वहीं अब उनमें वैज्ञानिक खेती की समझ बढ़ी है। बीजों का चयन, फसल चक्र, मृदा परीक्षण और ड्रिप सिंचाई जैसी आधुनिक विधियों को अपनाने की ओर रुझान बढ़ा है। यह मानसिक बदलाव तभी संभव हुआ जब उन्हें आर्थिक रूप से नियमित सहायता मिली और समय पर निवेश का अवसर मिला।
कृषक श्री मण्डल बताते हैं कि वे अब खरीफ और रबी दोनों सीजन में दोहरी फसलें लेते हैं। साथ ही वह कृषि विभाग द्वारा संचालित प्रशिक्षणों में भी भाग लेते हैं और तकनीकी सलाह को अपनाते हैं। उन्होंने गांव के अन्य किसानों को भी इस योजना के लाभ के लिए प्रेरित किया है।
राज्य सरकार की सक्रिय भागीदारी
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को पूरी तत्परता के साथ लागू किया है। जिला प्रशासन, कृषि विभाग और पंचायतों के समन्वय से योजना की मॉनिटरिंग और लाभार्थियों की नियमित पहचान सुनिश्चित की जा रही है।
सरकार ने इस योजना को अन्य कृषि योजनाओं से भी जोड़ा है, जैसे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कृषि यांत्रिकीकरण योजनाऔर मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना ताकि एक समग्र कृषि विकास सुनिश्चित हो सके।
योजना के व्यापक सकारात्मक प्रभाव
- कृषि निवेश में वृद्धि – नियमित सहायता मिलने से किसान बीज, खाद, कीटनाशक व उपकरणों की खरीद समय पर कर पा रहे हैं।
- कर्ज पर निर्भरता में कमी – पहले जहां छोटे किसान बुआई से पहले साहूकारों से उधार लेते थे, अब उन्हें सरकार से समय पर मदद मिल रही है।
- उत्पादन में वृद्धि – सही समय पर संसाधन मिलने से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में इजाफा हुआ है।
- ग्रामीन अर्थव्यवस्था में सक्रियता किसानों की क्रय शक्ति बढ़ने से गांवों में स्थानीय व्यापार को भी गति मिली है।
कृषक सम्मान का नया युग
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसान हित में चलाई जा रही इस योजना ने “जय जवान, जय किसान” के नारे को नए अर्थ दिए हैं। अब किसान केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनकर उभर रहे हैं।
कृषि विशेषज्ञों का भी मानना है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जैसी पहलें किसानों के जीवन में स्थायी बदलाव लाने की क्षमता रखती हैं। यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ने छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में किसानों के बीच एक नया भरोसा जगाया है। इससे ना केवल किसानों को आर्थिक सहारा मिला है, बल्कि उनके जीवन में स्थायित्व और आत्मविश्वास भी आया है। श्री सुसेन मण्डल जैसे किसानों की कहानियाँ इस योजना की सफलता और उसकी गहराई को बयां करती हैं।
छत्तीसगढ़ जैसे राज्य, जहां कृषि जनसंख्या का बड़ा हिस्सा है, वहां इस योजना का प्रभाव न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी देखा जा सकता है। किसानों को आगे बढ़ाने वाली यह योजना वास्तव में राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक सशक्त कदम है।