मध्य प्रदेश की शहडोल संभाग में बीते कुछ महीनो से जंगली हाथियों का मूवमेंट चिंता का विषय बना हुआ है। अनूपपुर और उमरिया जिले में हाथियों के लगातार बढ़ते विचरण से मानव हाथी-द्वंद्व की घटनाएं बढ़ रही है। बांधवगढ़ में हाल ही में हुई हाथियों की दर्दनाक घटना की बात वन विभाग ने इस समस्या का समाधान के लिए कई नई पहलें शुरू की है।
वन विभाग ने हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने और ग्रामीणों को सतर्क करने के लिए आकाशवाणी शहडोल के माध्यम से अलर्ट जारी करना शुरू किया है। शहडोल साउथ डीएफओ श्रद्धा प्रेंद्रे के अनुसार,हाथियों की करंट लोकेशन और प्रभावित गांव की जानकारी रेडियो के जरिए प्रसारित की जा रही है। इससे ग्रामीणों को हाथियों की गतिविधियों के बारे में तुरंत पता चल जाता है, और वह सतर्क हो जाते हैं। इस पहल को 26 दिसंबर से शुरू किया गया है ।आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिकारी अविनाश दिवाकर ने बताया कि जनहित में यह सूचना प्रसारित की जा रही है, और भविष्य में इसे और व्यापक रूप देने की योजना है।
हाथी मानव-द्वंद्व को रोकने के लिए वन विभाग ने हाथी मित्र दल की नियुक्ति की है। यह दल ग्रामीणों को जागरूक करने और हाथियों के व्यवहार को समझने के लिए प्रशिक्षित किया गया है । डीएफओ श्रद्धा पेंद्रे ने बताया कि ग्रामीणों को यह सिखाया जाएगा कि हाथी के सामने आने पर क्या करना चाहिए और कैसे उनसे बचाव करना चाहिए।
वन विभाग के अनुसार जंगलों की अवैध कटाई हाथियों के गांव की ओर आने का मुख्य वजह है। शहडोल में घने जंगलों की मौजूदगी के कारण हाथी पिछले तीन हफ्तों से जंगल में ही रुके हुए हैं। इससे स्पष्ट है, कि जंगलों का संरक्षण हाथी मानव-द्वंद रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा ने बताया कि हाथी प्रबंधन को लेकर हाल ही में 35 अफसरों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है। गांव में बैठक आयोजित कर हाथियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए रणनीतियां बनाई जा रही है। वन विभाग कि पहल न केवल हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास है बल्कि ग्रामीण के जीवन और संपत्ति को भी सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।