हाथोर समाचार ,रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रूपये से अधिक के शराब घोटाले को लेकर ईडी की जांच तेज हो गई हैं। शनिवार को ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के घर छापेमारी की। रविवार को मीडिया से बात करते हुए पूर्व मंत्री लखमा ने कहा मुझे नहीं पता कि शराब घोटाला हुआ या नहीं । त्रिपाठी जिस फाइल पर साइन करने को कहता था मैं कर देता था । मेरे ओएसडी पहले पढ़कर बताता था ,की फाइल में क्या लिखा है । ईडी ने मुझसे कई सवाल किए हैं। मैं अनपढ़ हूं और इस मामले में मास्टरमाइंड अधिकारी एपी त्रिपाठी है ।

लखमा ने दावा किया कि उन्होंने कोई अवैध संपत्ति अर्जित नहीं की है ,और उनके पास केवल चार एकड़ पैतृक जमीन है ।उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी की कार्रवाई राजनीतिक साजिश है, और नगरी निकाय चुनाव को प्रभावित करने के लिए कदम उठाया गया है।
लखमा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा शराब घोटाले की जांच लंबे समय से चल रही है। जब यह घोटाला हुआ तब वो आबकारी मंत्री थे। यह कहना की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है ,पूरी तरह से गलत है । मंत्री के रूप में उनकी जिम्मेदारी थी कि वह फाइलों को सही से पढ़े और जांच करें।
ईडी का कहना है कि घोटाले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, और कई अधिकारी पहले ही जेल में है। ईडी ने इस घोटाले को लेकर कवासी लखमा से उनकी संपत्ति की विवरण मांगा है।
इस मामले में छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दिया है ,जहां कांग्रेस इसे केंद्र सरकार द्वारा बदनाम करने की साजिश बता रही है।