बिट्टू सिहं राजपूत सरगुजा। प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित की जा रही सामग्री की गुणवत्ता पर उठे सवालों के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सख्त रुख अपनाते हुए मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित कराई है। मंत्री ने विभाग को पुनः स्मरण पत्र जारी करते हुए यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी हो।

हाल ही में विभिन्न समाचार माध्यमों से यह जानकारी सामने आई थी कि प्रदेश के कई जिलों – रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, जशपुर और सरगुजा – के आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जा रही सामग्री गुणवत्ताविहीन है। इस पर संज्ञान लेते हुए मंत्री राजवाड़े ने 7 मई को विभागीय सचिव को तत्काल जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री ने विभाग को एक बार फिर स्मरण पत्र जारी किया और जांच टीम के गठन की प्रक्रिया को तेज करने को कहा।
उनके निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक ने एक उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की है, जिसमें वित्त शाखा के संयुक्त संचालक, सीएसआईडीसी के प्रतिनिधि सदस्य, रायपुर GEC से तकनीकी विशेषज्ञ, संबंधित जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक (आईसीडीएस), तथा आईआर क्लास सिस्टम्स एंड सॉल्यूशन्स प्रा. लि. एवं एसजीएस इंडिया प्रा. लि. से तकनीकी प्रतिनिधि शामिल हैं।यह टीम विभिन्न जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित सामग्री की भौतिक जांच करेगी – जैसे कि सामग्री का वजन, पैकेजिंग, उपयोगिता आदि। साथ ही, गुणवत्ता की पुष्टि के लिए सैंपल लेकर उन्हें शासन से मान्यता प्राप्त लैब में परीक्षण हेतु भेजा जाएगा।मंत्री राजवाड़े ने निर्देश दिए हैं कि 15 दिनों के भीतर जांच की प्राथमिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
उन्होंने दोहराया कि दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा, “यह विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार है जो पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों पर काम कर रही है। लापरवाही किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी।”सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि जनता की सेवा में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।