हाथोर समाचार ,प्रतापपुर।
विकासखंड प्रतापपुर के अमनदोन में संचालित आईटीआई संस्थान में विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित किए जाने का मामला गरमा गया था। छात्रों ने संस्थान के प्राचार्य पर द्वेष की भावना से कार्य करने और अभद्रता करने के गंभीर आरोप लगाए थे। मामले को लेकर छात्रों ने सूरजपुर कलेक्टर और प्रतापपुर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा, जिससे राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई थी।

छात्रों का आरोप था कि प्रिंसिपल ने व्यक्तिगत नाराजगी के चलते उन्हें परीक्षा से वंचित कर दिया, जबकि उपस्थिति को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से उनका पूरा वर्ष बर्बाद हो सकता है। विद्यार्थियों ने यह भी आरोप लगाया कि प्राचार्य उनके साथ लगातार दुर्व्यवहार कर रहे थे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने तत्काल जांच के आदेश दिए। एसडीएम प्रतापपुर ने विद्यार्थियों की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए स्थिति की समीक्षा की और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया। इसके बाद प्रशासन ने छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का निर्णय लिया।
प्रशासन की पहल से परीक्षा से वंचित छात्र अब अपनी परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे। छात्रों ने सूरजपुर कलेक्टर और एसडीएम प्रतापपुर के प्रति आभार जताते हुए कहा कि समय पर हस्तक्षेप से उनका भविष्य संकट से बच गया।
इस घटनाक्रम ने शिक्षा संस्थानों में अनुशासन और जवाबदेही के महत्व को फिर एक बार रेखांकित किया है। प्रशासन की सक्रियता ने छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करते हुए जनविश्वास को भी मजबूत किया है।