मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी जड़े सरकारी दफ्तरों के साथ साथ गांव तक फैल चुकी हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर सरपंच सचिव लोगों से रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला अब मध्यप्रदेश के जबलपुर से सामने आया है जहां एक गांव के सरपंच को लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा है।

सरपंच ने मांगी 35 हजार रूपये रिश्वत
जबलपुर जिले के डूडी मझौली गांव की रहने वाली 36 साल की महिला धनिया बाई के पति की दो साल पहले मौत हो गई थी। जिसके बाद धनिया बाई के खाते में संबल योजना के 2 लाख रूपये आए थे। पति की मौत के बाद वो विधवा पेंशन और राशन कार्ड पर्ची बनवाने के लिए जब डूडी गांव के सरपंच गोपीचंद कोल के पास गई तो सरपंच ने पहले तो उसे पंचायत के कई चक्कर कटवाए और फिर उससे 35 हजार रूपये रिश्वत की मांग की।
10 हजार रूपये लेते रंगेहाथों पकड़ाया सरपंच
सरपंच गोपीचंद कोल के 35 हजार रूपये रिश्वत मांगने पर महिला धनिया बाई ने जबलपुर लोकायुक्त के दफ्तर में शिकायत की। लोकायुक्त की टीम ने शिकायत की जांच की और शिकायत सही पाए जाने पर फरियादी धनिया बाई को रिश्वत की पहली किस्त 10 हजार रूपये देने के लिए रिश्वतखोर सरपंच के पास भेजा। सरपंच गोपीचंद ने जैसे ही धनगवां गांव स्थित कैनरा बैंक की शाखा के सामने धनिया बाई से रिश्वत के रूपये लिए तो लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगेहाथों धरदबोचा। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन)2018 की धारा-7, 13(1)B, 13(2) के अंतर्गत कार्यवाही की गई है।