प्रदेश में मानसून सत्र से पहले साय कैबिनेट के कई बड़े फैसले: लॉजिस्टिक पॉलिसी से लेकर कृषक उन्नति योजना तक को दी मंजूरी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून सत्र से पहले मुख्यमंत्री साय  की अध्यक्षता में हुई साय केबिनेट की 30वीं बैठक ने कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगा दी है। इस बार की बैठक में किसानों , उद्योगों  और युवाओं  को सीधा फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं पर सहमति बनी है।

कृषक उन्नति योजना का दायरा हुआ और बड़ा

कैबिनेट ने किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है। कृषक उन्नति योजना  के तहत अब धान  के साथ-साथ दलहन , तिलहन  और मक्का की खेती करने वाले किसान भी लाभ ले सकेंगे। पहले यह योजना केवल धान उत्पादक किसानों के लिए थी।

खरीफ 2024 में जिन्होंने धान बेच दिया है और अब खरीफ 2025 में दलहन, तिलहन या मक्का की खेती करेंगे, उन्हें भी आदान सहायता राशि मिलेगी। इससे खेती का रकबा और फसल विविधता बढ़ेगी।

लॉजिस्टिक सेक्टर को नई दिशा देगी नई नीति

कैबिनेट ने लॉजिस्टिक सेक्टर  के विकास के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक पॉलिसी-2025  को भी मंजूरी दी है। इस पॉलिसी से छत्तीसगढ़ को लॉजिस्टिक हब  बनाने की योजना है, जिससे निर्यात  और ई-कॉमर्स  को बढ़ावा मिलेगा।

राज्य सरकार की योजना है कि ड्राई पोर्ट, इनलैंड कंटेनर डिपो  जैसे प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दिया जाए ताकि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों  को विदेशी बाजारों तक सीधा फायदा मिले।

पेंशन फंड और ग्रोथ स्टेबिलिटी फंड को मिली हरी झंडी

कैबिनेट ने सेवानिवृत्ति  के बाद पेंशन  भुगतान को सुचारु रखने के लिए छत्तीसगढ़ पेंशन फंड  बनाने की भी मंजूरी दी है। इसके अलावा राज्य के आर्थिक विकास  को स्थिर बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड  का गठन होगा। इससे राजस्व में उतार-चढ़ाव के दौरान राज्य को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।

जन विश्वास विधेयक से आसान होगा कारोबार

मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक-2025  के प्रारूप को भी मंजूरी दी है। इसके जरिए कुछ कानूनों के प्रावधानों को गैर-अपराधीकरण किया जाएगा ताकि व्यापार और आम जीवन में सरलता बढ़े।

जर्जर भवनों का होगा नया विकास

कैबिनेट ने सात शहरों में पुरानी सरकारी संपत्तियों  के रिडेवेलपमेंट  की योजना भी पास की है। रायपुर  राजनांदगांव, जगदलपुर , कांकेर , महासमुंद  और कोरबा  में ये प्रोजेक्ट्स शुरू होंगे।

पदोन्नति नियमों में दी राहत

वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग में तृतीय श्रेणी कार्यपालिक  पद पर पदोन्नति के लिए न्यूनतम सेवा अवधि को 5 साल से घटाकर 2 साल कर दिया गया है। इससे कर्मचारियों को पदोन्नति में राहत मिलेगी।

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