रायपुर। छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनाव फिलहाल टल गए हैं। महापौर और अध्यक्ष पद के आरक्षण रद्द होने के बाद यह संकेत मिल रहे हैं कि चुनाव अब मार्च-अप्रैल 2025 के बाद ही होंगे। चुनाव में देरी की कई वजहें सामने आई हैं।

मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया एक बड़ी वजह
हर साल 1 जनवरी से मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य शुरू होता है। नई सूची तैयार करने में करीब एक महीने का समय लगेगा। इसके बाद ही चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। इसके अलावा, 1 जनवरी 2025 से 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवा भी मतदाता सूची में जुड़ेंगे, जिनके लिए भी सूची अपडेट करना अनिवार्य होगा।
बोर्ड परीक्षाओं के कारण भी देरी संभव
फरवरी-मार्च में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के दौरान शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में लगाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। बोर्ड परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं की जांच प्रक्रिया भी अप्रैल तक चलती है। ऐसे में संभावना है कि चुनाव अप्रैल के बाद ही होंगे।
आरक्षण प्रक्रिया की तारीख बदली
27 दिसंबर को होने वाली आरक्षण प्रक्रिया की तारीख अब 7 जनवरी 2025 तय की गई है। इसका मतलब यह है कि फिलहाल आचार संहिता नहीं लगेगी। पहले पंचायत स्तरीय चुनाव के आरक्षण की तारीख भी बदली गई थी।
राजनीतिक तैयारी जारी
इस बीच भारतीय जनता पार्टी अपने संगठनात्मक कार्यों में जुटी है। मंडल और जिला स्तर पर नए अध्यक्षों की नियुक्तियां हो रही हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार भी कैबिनेट में बदलाव की तैयारी कर रही है। आरक्षण प्रक्रिया में बदलाव के चलते सरकार और संगठन दोनों को अतिरिक्त समय मिल गया है।
चुनाव आयोग और सरकार की तैयारियों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि निकाय और पंचायत चुनाव फिलहाल नहीं होंगे। सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद ही चुनाव की नई तारीखों का ऐलान संभव होगा।