बिट्टू सिंह राजपूत@सरगुजा. अंबिकापुर तहसील क्षेत्र के नेहरूनगर में बेशकीमती 97 डिसमिल शासकीय भूमि को पटवारी ने निजी व्यक्ति के नाम चढ़ा दिया। मामले की शिकायत पर सरगुजा कलेक्टर ने इसकी जांच कराई।
जांच में पटवारी द्वारा बिना किसी आदेश के सरकारी जमीन को निजी मद में दर्ज करने का खुलासा हुआ। कलेक्टर ने उक्त भूमि को फिर से शासकीय मद में दर्ज करने तथा पटवारी और भू स्वामि के खिलाफ FIR का आदेश दिया है।
जानकारी के मुताबिक, अंबिकापुर-बनारस मार्ग में संस्कृत विद्यालय एवं इंजीनियरिंग कॉलेज मार्ग के मोड़ पर स्थित शासकीय भूमि को बिना किसी आदेश के प्रभाष मंडल के नाम वर्ष 2020-21 में दर्ज किया गया था।
इसकी लिखित शिकायत भाजपा नेता और पार्षद आलोक दुबे ने सरगुजा कलेक्टर से की थी। मुख्य मार्ग पर स्थित उक्त सरकारी जमीन का बाजार भाव करीब 4 करोड़ रुपए है।
पटवारी ने ऑनलाइन अभिलेख से की छेड़छाड़
सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर ने शिकायत की जांच एसडीएम अंबिकापुर और नायब तहसीलदार से कराई। जांच में फर्जी तरीके से भूमि को अनावेदक प्रभाष मंडल के नाम पर राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया जाना पाया गया।
जांच प्रतिवेदन में बताया गया कि तत्कालीन हल्का पटवारी अगस्तुस लकड़ा ने उक्त भूमि को बिना किसी सक्षम न्यायालय के आदेश के ऑनलाइन रिकार्ड में भूमि स्वामी हक में दर्ज किया गया है और डिजिटल हस्ताक्षर किया गया।
FIR दर्ज करने का आदेश
कलेक्टर सरगुजा ने उक्त भूमि को फिर से शासकीय मद में दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही तत्कालीन हल्का पटवारी अगस्तुस लकड़ा और अनावेदक प्रभाष मंडल निवासी नेहरूनगर के खिलाफ संबंधित थाने में FIR दर्ज कराए जाने का भी आदेश दिया है।
प्लाटिंग कर बेचने की थी तैयारी
सरकारी जमीन को निजी नाम में दर्ज होने के बाद उक्त जमीन की प्रभाष मंडल ने प्लाटिंग की थी। इनमें से 30 डिसमिल और 20 डिसमिल जमीनों का सौदा किया गया था और बेचने की तैयारी थी। इसके पहले ही शिकायत होने पर बेचने की प्रक्रिया रुक गई और जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया।