इंदौर। शहर में हाल ही में एक बड़ी समस्या सामने आई जब 650 से अधिक व्यापारियों ने अचानक यूपीआई से पेमेंट लेना बंद कर दिया इस फैसले से ग्राहकों को भारी परेशानी के सामना करना पड़ा मामले की गंभीरता को देखते हुए इंदौर कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर ने व्यापारियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को समझा।
व्यापारियों ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि देशभर में बढ़ते साइबर अपराधों के कारण यह कदम उठाने के लिए मजबूर हुए ।उन्होंने कहा कि यूपीआई पेमेंट के जरिए साइबर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ठग या तो, ऑनलाइन माध्यम से या दुकान पर आकर यूपीआई से भुगतान करते हैं ,जब यह आरोपी पकड़े जाते हैं तो पुलिस उनके खातों के साथ-साथ व्यापारियों के खातों को भी फ्रीज कर देती है । पिछले दिनों इंदौर के 25 व्यापारियों के बैंक खाता इसी वजह से सीज की कर दिए गए। व्यापारियों ने बताया कि इस वजह से उनका कारोबार ठप हो गया और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। इस घटना के बाद व्यापारियों ने सामूहिक रूप से यूपीआई पेमेंट बंद करने का निर्णय लिया।

प्रशासन का हस्तक्षेप
जब इस फैसले से ग्राहकों को हो रही परेशानियों की जानकारी प्रशासन तक पहुंची ,तो एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने व्यापारियों से संवाद किया। व्यापारियों ने अपनी चिंताओं को रखते हुए मांग की कि उनके खातों को अनावश्यक रूप से सीज न किया जाए और उनकी समस्याओं का उचित समाधान निकाला जाए।
पुलिस और प्रशासन ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि अगर अन्य प्रदेशों की पुलिस उनके खातों को सीज करती है तो स्थानीय प्रशासन इस मुद्दे का समाधान करेगा । उन्होंने यह भी कहा कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाया जाएगा ताकि निर्दोष व्यापारियों को परेशान ना होना पड़े।
फिर शुरू हुआ UPI का सेवा
पुलिस के आश्वासन के बाद व्यापारियों ने यूपीआई पेमेंट लेने की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है। इससे ग्राहकों को राहत मिली है और शहर का व्यापार सामान्य हो गया है ।प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे ।यह घटना न केवल इंदौर बल्कि पूरे देश में डिजिटल पेमेंट से जुड़ी समस्याओं और चुनौतियों पर प्रकाश डालते हैं। प्रशासन और व्यापारियों के बीच संवाद और सहयोग इस मुद्दे का हल निकालने में अहम भूमिका निभाएगा।