निजी अस्पतालों की अव्यवस्था पर सवाल ,अंबिकापुर में 40 से अधिक अस्पताल नियमों को ताक पर रखकर संचालित ,स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, नगर निगम जांच के मूड में

हाथोर समाचार ,अंबिकापुर।
सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियम-कानूनों को दरकिनार कर निजी अस्पतालों को धड़ल्ले से लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, शहर में 40 से अधिक निजी अस्पताल संचालित हो रहे हैं, जिनमें से मात्र चार अस्पताल ही वैध रूप से निर्माण नक्शा पास कराकर अस्पताल भवन में संचालित हो रहे हैं। शेष अस्पताल या तो आवासीय मकानों में चल रहे हैं या छोटे कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था पर सीधा असर पड़ रहा है।

इन अस्पतालों में न तो पार्किंग की समुचित व्यवस्था है, न ही किसी आपात स्थिति से निपटने का इंतजाम। हाल ही में एक निजी अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही के आरोप

स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पतालों को नर्सिंग होम एक्ट के तहत लाइसेंस कैसे जारी कर दिए गए, जबकि भवन अस्पताल संचालन के उपयुक्त नहीं हैं? नर्सिंग होम समिति द्वारा जारी किए गए लाइसेंस पर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं।

नगर निगम ने जताई सख्ती की मंशा

अंबिकापुर नगर निगम की महापौर मंजूषा भगत ने इस मुद्दे पर स्पष्ट कहा है कि शहर में अवैध तरीके से अस्पताल चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम जल्द ही जांच शुरू करेगा और नियमन के विरुद्ध पाए जाने वाले अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

प्रमुख बिंदु:

  • अंबिकापुर में 40+ निजी अस्पताल संचालित
  • केवल 4 ने ही नगर निगम से नक्शा पास कराया
  • 30 से अधिक अस्पताल आवासीय भवनों में अवैध संचालन
  • स्वास्थ्य विभाग और नर्सिंग होम समिति की भूमिका संदिग्ध
  • नगर निगम ने जांच और कार्रवाई की बात कही

अब देखना यह है कि क्या स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हैं, या फिर यह मुद्दा भी अन्य मामलों की तरह कागजों में ही सिमट जाएगा। जनता की सुरक्षा और सुविधा के लिहाज से यह सवाल बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।

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