प्रतापपुर में सड़क भूमि पूजन कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि की उपेक्षा पर उठे सवाल, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा स्वीकृत योजना का श्रेय लेने का आरोप ,पढ़े पूरी खबर

बिट्टू सिहं राजपूत ,सूरजपुर। प्रतापपुर जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत चंदौरा से जजावल तक की मुख्य सड़क लंबे समय से जर्जर हालत में थी। वर्षों से इस सड़क की मरम्मत की मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही थी। पंचायत चुनाव के दौरान कई नेताओं ने वादा किया था कि चुनाव के बाद सड़क निर्माण का कार्य शुरू कराया जाएगा। इसी क्रम में बीते रविवार को चंदौरा में सड़क निर्माण कार्य के लिए भूमि पूजन किया गया।

विभागीय उदासीनता या विधायक का दबाव

जिला पंचायत सदस्य ,लवकेश पैकरा

हालांकि, कार्यक्रम को लेकर विवाद तब खड़ा हो गया जब शिलान्यास बोर्ड और निमंत्रण पत्र में क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य व भाजपा नेता लवकेश पैकरा का नाम नहीं जोड़ा गया। इसे लेकर स्थानीय स्तर पर नाराजगी देखी जा रही है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि यह चूक विभाग की अनदेखी है या किसी दबाव का नतीजा। जनप्रतिनिधियों और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि की उपेक्षा करना गंभीर विषय है और इसकी जांच की जानी चाहिए।

प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन का कौन जिम्मेदार..?

सूत्रों की माने तो, क्षेत्रीय विधायक ने स्वयं श्रेय लेने के उद्देश्य से इस क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य और भाजपा के युवा नेता को भूमि पूजन कार्यक्रम से दूर रखा। इतना ही नहीं, कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का भी खुलेआम उल्लंघन हुआ। मंच पर मुख्य अतिथि विधायक के बगल में जनपद अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष की कुर्सी लगाई गई, जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तीसरे स्थान पर रखी गई थी। यह भी आलोचना का विषय बना हुआ है।

कांग्रेस सरकार में हो चुकी थी स्वीकृति

दबें जुबां लोगो ने आरोप लगाना भी शुरू कर दिया है ,और कह रहे हैं की जिस सड़क के निर्माण को लेकर वर्तमान विधायक श्रेय ले रही हैं, उसकी स्वीकृति पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने दिलवाई थी। इसके बावजूद भी स्थानीय भाजपा नेताओं को क्षेत्रीय विधायक दरकिनार कर इस परियोजना का राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रही हैं।

कार्यकर्ताओं का तोड़ने की राजनीति

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि वर्ष 2026 में संभावित परिसीमन के बाद यह विधानसभा क्षेत्र बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर क्षेत्र से अलग किया जा सकता है। वर्तमान विधायक बलरामपुर जिले से आती हैं। ऐसे में क्षेत्रीय भाजपा नेताओं की उपेक्षा पार्टी के लिए आगामी चुनावों में चुनौती खड़ी कर सकती है।

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