दैनिक हाथोर समाचार ,सूरजपुर । भाई-बहन के अटूट प्रेम और रक्षा के वचन का पवित्र पर्व रक्षाबंधन आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर जहां बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखकर उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांध रही थीं, वहीं सूरजपुर जिला जेल में भी इस त्योहार ने एक अनूठा रंग बिखेरा। जेल की ऊंची दीवारों के बीच बंद भाइयों से मिलने पहुंचीं बहनों ने राखी के धागे से न केवल अपने रिश्तों को मजबूत किया, बल्कि इस पर्व की भावनाओं को और भी गहरा कर दिया। इस दौरान एक मुस्लिम बहन ने भी अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर प्रेम और एकता का संदेश दिया। इसके साथ ही सूरजपुर जेल में राखी बांधने पहुंची बहनों ने न केवल अपने भाइयों के प्रति अपने कर्तव्य को निभाया, बल्कि यह भी दिखाया कि प्रेम और विश्वास की कोई सीमा नहीं होती। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी विपरीत हों, भाई-बहन का बंधन हमेशा अटूट रहता है। कुलमिलाकर यह रक्षाबंधन सूरजपुर जेल में एक ऐसी कहानी बन गया, जो दुख और खुशी के बीच प्रेम की जीत का प्रतीक है।

जेल में बंधा प्रेम का धागा
सूरजपुर जिला जेल में रक्षाबंधन के अवसर पर विशेष इंतजाम किए गए थे। सुबह से ही जेल के बाहर बहनों की लंबी कतारें देखी गईं, जो अपने भाइयों से मिलने और उन्हें राखी बांधने के लिए उत्साहित थीं। जेल प्रशासन ने इस पर्व को सुचारू रूप से मनाने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए, साथ ही राखी और 200 ग्राम सूखी मिठाई (सोनपापड़ी) ले जाने की अनुमति दी। जेल परिसर में टेंट और बैरिकेड्स लगाए गए ताकि बहनों को किसी तरह की असुविधा न हो।
बिलासपुर से आई बहन की भावुक मुलाकात
इस दौरान बिलासपुर से अपने दो छोटे भाइयों के साथ आई एक बहन की कहानी ने सभी का ध्यान खींचा। उसने पहले जेल में बंद अपने भाई से मुलाकात की और उसकी कलाई पर राखी बांधी। इसके बाद जेल परिसर में ही अपने दोनों छोटे भाइयों को राखी बांधकर इस पर्व को और यादगार बना दिया।
मुस्लिम बहन ने बांधी राखी, दिया एकता का संदेश
रक्षाबंधन के इस अवसर पर सूरजपुर जेल में एक मुस्लिम परिवार की बेटी ने भी अपने भाई को राखी बांधकर सभी के दिलों को छू लिया। उसने बताया कि भाई का जेल में होना दुखद है, लेकिन राखी के इस पवित्र बंधन ने उनकी उम्मीदों को और मजबूत किया है। बहरहाल इस मुस्लिम बहन की भागीदारी ने रक्षाबंधन के सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व को और गहरा कर दिया, जो धर्म और समुदाय की सीमाओं से परे भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है।
खुशी और दुख का मिलन
रक्षाबंधन का यह पर्व सूरजपुर जेल में खुशी और दुख का अनोखा संगम बन गया। बहनों की आंखों में अपने भाइयों से मिलने की खुशी थी, तो कहीं उनके जेल में होने का दर्द भी झलक रहा था। फिर भी, राखी का यह धागा उनके रिश्तों को और मजबूत करने में कामयाब रहा। बहनों ने अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि की कामना की और उम्मीद जताई कि वे जल्द ही अपने परिवार के साथ होंगे।