सूरजपुर। जिले के जरही खेल परिसर ग्राउंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा प्रहार महायज्ञ के रूप में शौर्य दिवस का आयोजन किया गया। इस महायज्ञ में 38 स्वयंसेवकों ने सामूहिक रूप से 37,551 बार डंड प्रहार कर वीर सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान को नमन किया।

कार्यक्रम में बौद्धिक वक्ता सद्भावना विभाग कोरिया प्रमुख कमल सक्सेना ने उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उनका परिचय शाखा कार्यवाह बिट्टू सिंह राजपूत ने कराया। अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में सक्सेना ने प्रहार महायज्ञ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इसके महत्व को समझाते हुए बताया कि 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में ऐतिहासिक विजय हासिल की थी। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया, जो विश्व युद्ध इतिहास की सबसे बड़ी सैन्य आत्मसमर्पण में से एक है। इस गौरवशाली विजय को स्मरण करते हुए संघ प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को शौर्य दिवस मनाता है।

प्रहार महायज्ञ का आयोजन वीर सैनिकों के बलिदान और शौर्य को सम्मान देने के लिए किया गया। कार्यक्रम के दौरान 38 स्वयंसेवकों ने एकजुट होकर अनुशासन, समर्पण और पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए 37,551 बार डंड प्रहार किया। यह आयोजन न केवल शारीरिक शक्ति और सहनशक्ति का प्रतीक था, बल्कि यह समाज में एकता, साहस और देशभक्ति का संदेश भी प्रेषित करता है।
कमल सक्सेना ने 1971 के भारत-पाक युद्ध की उपलब्धियों का वर्णन करते हुए कहा कि इस विजय ने न केवल भारत की सैन्य शक्ति को स्थापित किया, बल्कि बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र की स्थापना में भी योगदान दिया। उन्होंने कहा कि शौर्य दिवस हमारे सैनिकों की वीरता और उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करने का दिन है।
इस कार्यक्रम ने सभी उपस्थितों को प्रेरित किया और राष्ट्रभक्ति के भाव को सशक्त किया। संघ ने इस आयोजन के माध्यम से न केवल 1971 युद्ध की यादों को ताजा किया, बल्कि समाज को अनुशासन, समर्पण और एकजुटता का संदेश भी दिया।
इस कार्यक्रम में पुरन राम राजवाड़े, मुकेश सिंह, विकेश जायसवाल, बबलू नवीन, रामभजन राजवाड़े, रोहित सिंह, रवि तिवारी, प्रताप सिंह मरावी, राजू शर्मा, विकास गुप्ता, आलम साय राजवाडे,विनोद राजवाड़े,पप्पू सिहं,मनसागर राजवाड़े, ओपी सिंह, सूरजपुर, अर्जुन सिंह, पवन राजवाडे,सहित दर्जनों संघ कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भाग लिया।