छत्तीसगढ़ में शिक्षा गुणवत्ता योजना को लेकर मुख्यमंत्री बोले, मंत्री, विधायक व कलेक्टर स्कूल जाकर करेंगे मॉनिटरिंग, कांग्रेस के शिक्षा न्याय अभियान पर साधा निशाना

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक नई पहल ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता योजना’ शुरू करने की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और शिक्षकों तथा छात्रों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना पूरी गंभीरता और जवाबदेही के साथ संचालित की जाएगी।

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि योजना के अंतर्गत प्रदेश के मंत्री, विधायक और जिला कलेक्टर नियमित रूप से स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे। वे स्कूल पहुंचकर पढ़ाई की स्थिति, छात्रों की उपस्थिति, शिक्षकों की उपलब्धता, आधारभूत सुविधाओं की स्थिति तथा प्रशासनिक व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करेंगे। यह कार्यक्रम 16 जून से शुरू किया जाएगा, जिस दिन प्रदेश भर के स्कूलों में नया शिक्षण सत्र प्रारंभ हो रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि पूर्ववर्ती रमन सिंह सरकार के समय भी इसी तरह की पहल की गई थी, जब सांसद, विधायक और अन्य निर्वाचित जनप्रतिनिधि स्कूलों में औचक निरीक्षण करने जाया करते थे। अब उसी परंपरा को पुनर्जीवित करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार का लक्ष्य तय किया गया है।

कांकेर दौरे पर जाने से पहले पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की आगामी ‘शिक्षा न्याय अभियान’ पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल दिखावे की राजनीति करती है जबकि हमारी सरकार ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा में युक्तियुक्तकरण यानी स्कूलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया बच्चों के हित में की जा रही है। उन्होंने कहा, “कई स्कूलों में शिक्षक नहीं थे, कहीं छात्रों से ज्यादा शिक्षक थे। इस असंतुलन को ठीक करने के लिए यह जरूरी है।

जातिगत जनगणना पर भी मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि उनकी कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में जातिगत जनगणना को लेकर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और इसका लाभ समाज के हर वर्ग को मिलेगा।

मुख्यमंत्री साय ने यह भी जानकारी दी कि वे आज कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर जा रहे हैं जहां वे मांदरी महोत्सव में हिस्सा लेंगे। यह महोत्सव जनजातीय समाज की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने वाला महत्वपूर्ण आयोजन है।

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